पटना।
बिहार की राजनीति में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। बुधवार को महागठबंधन सरकार से इस्तीफा देने के बाद गुरुवार सुबह नीतीश कुमाार ने फिर से बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह छठवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। इसके साथ ही चार साल पहले छूटे जदयू—भाजपा का गठबंधन एक बार फिर बिहार की राजनीति में छा गया। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। दोनों नेताओं को बिहार के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने शपथ दिलाई। इस शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही पिछले चार महीने से महागठबंधन को लेकर चल रही सियासत थम गई।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण में जाने की बात कही जा रही थी, लेकिन वह नहीं पहुंचे। हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। इस बीच, नीतीश कुमार ने कहा, जैसे हालात बिहार में बन रहे थे काम करना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में ये कदम उठाना जरूरी था। उन्होंने आगे कहा कि अब बिहार की राजनीति में नए अध्याय की शुरुआत होगी। सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार शनिवार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे।
पीएम ने ट्वीट कर दी बधाई
शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर नीतीश कुमार और सुशील मोदी को बधाई दी है। पीएम ने लिखा है कि नीतीश कुमार जी और सुशील मोदी जी को बधाई, बिहार के विकास और समृद्धि के लिए मिलकर काम करें।
नीतीश ने धोखा दिया : लालू
महागठबंधन सरकार से नीतीश कुमार के इस्तीफा देने को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने धोखा बताया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार के जनता ने पांच साल के लिए चुना था, लेकिन नीतीश ने बीच में ही साथ छोड़ दिया। उन्होंने जनता को धोखा दिया है। वहीं तेजस्वी यादव ने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल से समय मांगा है। तेजस्वी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिहार में सबसे बड़ा दल होने के नाते राजद को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि जदयू के भाजपा के साथ जाने से नाराज जदयू विधायक भी उनके इस मुहिम में साथ देंगे। उन्होंने दावा किया कि शरद यादव जैसे कई बड़े नेता नीतीश कुमार के इस रुख से नाराज हैं।
लालू की जिद बनी टूट का कारण
बिहार में लालू परिवार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने महागठबंधन सरकार को कमजोर करने का काम किया। जब तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और जदयू ने उनसे जनता के बीच सफाई देने को कहा, तो लालू का पुत्र मोह आड़े आ गया और उन्होंने कई बार कहा कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे। उनकी यही जिद सरकार गिरने का कारण बनी।