पटना । भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व छठ को लेकर बिहार सरकार ने सभी जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं । इतना ही नहीं प्रशासन ने भी शांतिपूर्व इस पर्व को संपन्न कराने के लिए कमर कस ली है । इतना ही नहीं पटना में गंगा नदी के तट पर बने विभिन्न छठ घाटों पर कोई अनहोनी न हो इसे ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के 450 जवान तैनात किए गए हैं । इतना ही नहीं किसी आपात स्थिति से बचने के लिए 72 बोट के जरिए मनेर से केलकर दीदारगंज के घाटों निगरानी शुरू हो गई है।
पटना जिला प्रशासन ने पूरे पटना में 22 घाटों को खतरनाक घोषित किया है । इन घाटों को लाल कपड़ा लगाकर बंद कर दिया गया है । सारण, भोजपुर और बक्सर में एनडीआरएफ की तैनाती की गई है। वहीं पटना में छठ व्रतियों के लिए एक ऐप लॉन्च किया गया है । एप से व्रतियों और श्रद्धालुओं को कई सुविधाएं मिलेंगी ।
एनडीआरएफ के अफसरों के अनुसार , NDRF के 450 जवान 6 घाटों पर तैनात किए गए हैं । वहीं 72 बोट के जरिए मनेर से केलकर दीदारगंज के घाटों निगरानी शुरू हो गई है। इसी क्रम में गंगा में 4 मेडिकल एम्बुलेंस की तैनाती की गई है । सांध्य अर्घ्य के लिए विशेष तैयारी की गई है. किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम तैयार है ।
पटना जिला प्रशासन ने पटना के 6 घाटों को दो जोन में बांटा है । इसके लिए दो सूची तैयार की गई है , जिसमें से एक सूची में उन घाटों की जानकारी है जहां छठ पूजा के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं । वहीं प्रशासन ने एक दूसरी सूची भी जारी की है , जहां खतरा बना हुआ है । जिला प्रशासन ने पूरे पटना में 22 घाटों को खतरनाक घोषित किया है ।