चंडीगढ़ । पंजाब कांग्रेस में जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है । जहां सुबे के सीएम अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नवजोत सिंह सिद्धू राज्य सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं , वहीं सीएम भी नवजोत सिंह सिद्धू के प्रति नरम रुख अख्तियार करने को तैयार नहीं । इस सबके बीच पंजाब में पारा चढ़ रहा है , वहीं सियासी पारे ने भी चढ़ना शुरू कर दिया है । सिद्धू ने सुबे में जारी पावर कट को लेकर अब अमरिंदर सरकार पर पावर पंच'' मारा है । उन्होंने सुबे में बिजली कट की समस्याओं पर राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए एक के बाद एक कई टवीट करते हुए अमरिंदर सरकार से सवाल पूछे हैं । इस दौरान उन्होंने राज्य के लोगों को गर्मी में पावर कट से बचने के लिए एक एसी चलाने के लिए समय निर्धारित करने संबंधी बातों को खारिज किया है ।
सस्ती मिलेगी बिजली
बता दें कि शुक्रवार को पंजाब में पावर कट के मुद्दे पर नवजोत सिंह सिद्धू ने अमरिंदर सरकार को आड़े हाथ लिया है । उन्होंने पावर कट के बहाने अमरिंदर पर कई तंज कसे । उन्होंने अपने ताबड़तोड़ ट्वीट में लिखा - पंजाब अन्य राज्यों की तुलना में अन्य राज्यों से ज्यादा पैसे देकर बिजली खरीदता है । जबकि पंजाब खुद भी बिजली का उत्पादन करता है । पूर्व की बादल सरकार ने तीन कंपनियों से बिजली खरीदने की व्यवस्था की थी । 2020 तक हम इस व्यवस्था को मानते आ रहे हैं , लेकिन अब हमें बिजली सीधे ग्रीड से खरीदना चाहिए , इससे हमें बिजली सस्ती भी मिलेगी ।
टाइम फिक्स करने की जरूरत नहीं
सिद्धू ने अपने ट्वीट में लिखा - पंजाब में गर्मी के इस मौसम में एसी चलाने के लिए कोई टाइम फिक्स करने की कोई जरूरत नहीं है । अगर सही तरीके से काम किया जाए तो इसकी कोई जरूरत नहीं पड़ेगी । इस समय पंजाब 4.54 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद रहा है , जो अन्य राज्यों और चंडीगढ़ की तुलना में बहुत ज्यादा है ।
विधानसभा में कानून पेश हो
उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए पंजाब विधानसभा में एक विधेयक पेश किया जाए , ताकि बिजली की बढ़ती कीमतों पर कैप लगाई जा सके । इससे पंजाब के लोगों का पैसा बचेगा । पंजाब में एक यूनिट बिजली की खपत से होने वाली कमाई सबसे कम है । सरकार को बिजली कंपनियों को ज्यादा भुगतान करना होता है ।
पंजाब खुद का मॉडल बनाए
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार 9 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है , जबकि दिल्ली की सरकार महज 1699 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है । अगर हम दिल्ली का मॉडल अपनाएं तो हम भी बचत कर सकते हैं , लेकिन हमारा अपना अलग मॉडल बनना चाहिए ।