नई दिल्ली/जयपुर । राजस्थान में कांग्रेस के बिगड़े सियासी हालात के बाद अब जयपुर से लेकर दिल्ली तक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से लेकर पार्टी विधायकों की भागदौड़ जारी है । एक बार फिर से राजस्थान कांग्रेस गहलोत गुट - पायलट गुट में बंट गई है । सचिन पायलट को प्रदेश की कमान सौंपने की अटकलों के बीच पार्टी के 92 विधायकों ने इस्तीफा देने की बात कही , हालांकि सोमवार सुबह सिर्फ 20-25 विधायकों को छोड़ शेष विधायकों ने कहा कि वह पार्टी आलाकमान के साथ हैं । ऐसी खबरें हैं कि पार्टी अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन करने जा रहे अशोक गहलोत के इशारे पर ही यह सब हुआ है । पार्टी द्वारा बुलाई गई बैठक के सामानांतर पार्टी विधायकों की अलग बैठक पर कांग्रेस आलाकमान ने अपनी नाराजगी जता दी है । अशोक गहलोत के शक्ति प्रदर्शन पर राजस्थान के पर्यवेक्षक अजय माकन ने इस पूरे प्रकरण को अनुशासनहीनता करार देते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं । वहीं इस सब पर अब भाजपा ने कांग्रेस पर तंज कसने शुरू कर दिए हैं ।
गहलोत - पायलट के बीच की लड़ाई है कारण
खबरे हैं कि राजस्थान में गहलोत गुट के विधायक प्रदेश की कमान सचिन पायलट को देने की चर्चा से नाराज हैं । करीब 92 विधायकों ने इस्तीफा तक दे दिया है । इससे इतर , राजस्थान के लिए बनाए गए पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन जयपुर में डेरा डाले हुए हैं । अजय माकन ने मौजूदा हालात पर कहा कि मैं और मल्लिकार्जुन खड़गे बतौर पर्यवेक्षकों के रूप में सीएम की सुविधा के मुताबिक उनके आवास पर बैठक करने आए थे । जो विधायक हमसे बात करने नहीं आए उन्हें हम लगातार बात करने को कह रहे हैं। गहलोत गुट ने तीन शर्तें रखीं
अजय माकन ने आगे कहा, 'प्रताप खाचरिवास, शांति धारीवाल और सीपी जोशी अशोक गहलोत गुट के लोग हमारे पास आए और उन्होंने हमारे सामने तीन शर्तें रखीं हैं । उनकी तीनों शर्तें बड़ी अजीब है , गहलोत अगर खुद कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना चाहते हैं और इस पूरे मामले की सुनवाई भी 19 अक्टूबर के बाद करवाना चाहते हैं , जब वह खुद पार्टी अध्यक्ष बन जाएं। ऐसे तो अपने प्रस्ताव पर वह खुद ही सुनवाई करने की मांग कर रहे हैं । ऐसी स्थिति तो हितों का टकराव होगी ।
यह अनुशासनहीनता है
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्राथमिक दृष्टि से यह अनुशासनहीनता है कि पार्टी की बैठक बुलाई गई है और कोई उसी के समानांतर गैर-आधिकारिक बैठक बुलाता है तो इसको अनुशासनहीनता कहा जाएगा । अब इस पर देखेंगे कि क्या हो सकता है ।
बैठक में नहीं आए कांग्रेस विधायक
माकन ने कहा, 'पार्टी विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछकर उनके आवास पर रखी गई थी । उन्होंने कहा कि बैठक शाम 7 बजे हो, लिहाजा उनकी सहूलियत के हिसाब से इसको तय किया गया । जो विधायक नहीं आए, उनको हम लगातार कह रहे हैं कि मैं और मल्लिकार्जुन खड़गे उनकी बात वन टू वन सुनेंगे । फिलहाल कोई फैसला नहीं हो रहा है. जो आप आप कहेंगे, वो हम जाकर दिल्ली बताएंगे ।
सीपी जोशी सीएम की रेस में नहीं
इस सबसे इतर , राजस्थान सरकार के मंत्री शांति धरीवाल ने कहा कि सीपी जोशी मुख्यमंत्री की रेस में शामिल नहीं हैं । उनका नाम जबरदस्ती चलाया गया । एक माहौल बनाने की कोशिश की गई । वहीं कांग्रेस विधायक अमीन ख़ान ने कहा कि अशोक गहलोत पार्टी के सच्चे सिपाही हैं । उन्हें पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए हम इसका स्वागत करते हैं , लेकिन पार्टी आलाकमान एक लाइन का प्रस्ताव भेजकर अगर मुख्यमंत्री किसी और को बनाना चाहे तो ये मंजूर नहीं होगा . जिन लोगों ने ख़रीद फ़रोख़्त के ज़रिए सरकार को गिराने की साज़िश रची उन्हें हम मंज़ूर नहीं करेंगे ।
भाजपा ने बोला हमला
इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, ये राजस्थान के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है । कांग्रेस कमज़ोर हुई और प्रदेश को नुकसान हुआ । किसानों की आत्महत्या, बेरोजगारी, बलात्कार, भ्रष्टाचार ये सब इस सरकार की बानगी है । इन सबसे राज्य की जनता का नुकसान हुआ है. यह कांग्रेस का आपसी मसला है पर पार्टी के लिए चिंता का विषय है । हम नवरात्रि में प्रार्थना करते हैं कि ऐसी सरकार से बचाए ।