पटना। बिहार से फिर एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बिहार के मोतीहारी में एक आरटीआई कार्यकर्ता की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। बता दें कि 6 महीने के अंदर आरटीआई अधिकारी की हत्या का यह तीसरा मामला है। मृतक राजेंद्र नागरिक अधिकार मंच से जुड़े हुए थे। उन्होंने पुलिस प्रशासन और मनरेगा से जुड़े भ्रष्टाचार के कई मामलों का खुलासा किया था।
मंगलवार दोपहर राजेंद्र सिंह अपनी मोटरसाइकल पर सवार होकर मोतीहारी से अपने गांव संग्रामपुर लौट रहे थे कि तभी एक मोटरसाइकल पर सवार दो बदमाशों ने उनकी मोटरसाइकल के ओवरटेक कर एक के बाद एक उन पर 3 गोलीयां दाग दी जिसके बाद मौके पर ही उन की मौत हो गई। इस वारदात को एस सुनसान जगह पर अंजाम दिया गया।
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नागरिक अधिकार मंच के शिवप्रकाश ने बताया कि राजेंद्र की हत्या आरटीआई कर्यकर्ता होने के कारण की गई है। शिवप्रकाश ने कहा कि 12 जून को जब उनकी मुलाकात राजेंद्र से हुई थी तब उन्होंने अपनी हत्या की अशंका जताई थी। इससे पहले भी उन पर 3 बार जानलेवा हमले हो चुके थे।
गौरतलब है कि राजेंद्र सिंह शिक्षक नियुक्ति घोटाला, मनरेगा और इंदिरा आवास योजना से जुडे मामले भी उजागर कर चुके थे जो उन की हत्या की बड़ी वजह हो सकती है।
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वहीं मोतिहारी एसपी उपेन्द्र यादव का कहना है कि पुलिस हर एगंल से मामले की जांच कर रही है। हत्या की वजह पारिवारिक रंजिश भी हो सकती है। उनकी पत्नी ने शिकायत में संपत्ती विवाद का भी उल्लेख किया है।
यहां आपको बता दें कि बिहार में आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या का यह तीसरा मामला है। इससे पहले वैशाली के आरटीआई कार्यकर्ता की भी हत्या की जा चुकी है। जानकारी के मुताबिक 13 वर्षों में 13 आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है।