न्यूज डेस्क । हिजाब प्रकरण को लेकर गुरुवार सुबह सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने अपना फैसला सुनाया । जहां एक जज ने हिजाब पर बैन लगाए जाने के फैसले को सही ठहराते हुए याचिकाकर्ताओं की मांग को खारिज कर दिया , वहीं दूसरे जज ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाने जाने के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया । इस पूरे मुद्दे पर अब सियायी पार्टियों के नेताओं की बयानबाजी सामने आने लगी है । इसी क्रम में सपा के सांसद शफीकुर्रहमान ने कहा कि अगर देश में लड़कियां बेपर्दा घूमेंगी तो इससे आवारगी बढ़ेगी । भाजपा देश का माहौल खराब कर रही है । वहीं हरियाणा सरकार के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि जिन पुरुषों का महिलाओ को देखकर मन मचलता था उन्होंने ही महिलाओं को हिजाब डालने के लिए मजबूर किया ।
विदित हो कि हिजाब प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि अभी हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है । लेकिन कोर्ट ने कहा कि लड़कियों को अपने धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है । वैसे भी अगर लड़कियां बेपर्दा घूमेंगी तो आवारागर्दी बढ़ जाएगी । यह सब भाजपा द्वारा माहौल खराब किए जाने की चाल है ।
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इससे पहले हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने एक ट्वीट करते हुए हिजाब मामले पर लिखा, 'जिन पुरुषों का महिलाओ को देखकर मन मचलता था उन्होंने ही महिलाओं को हिजाब डालने के लिए मजबूर किया. आवश्यकता तो अपने मन को मजबूत करने की थी परंतु सजा महिलाओं को दी गई ।उनको सिर से लेकर पांव तक ढ़ाक दिया । यह सरासर नाइंसाफी है. पुरुष अपना मन मजबूत करे और महिलाओ को हिजाब से मुक्ति दें। जिन पुरुषों का महिलाओ को देखकर मन मचलता था उन्होंने ही महिलाओं को हिजाब डालने के लिए मजबूर किया । आवश्यकता तो अपने मन को मजबूत करने की थी परंतु सजा महिलाओं को दी गई उनको सिर से लेकर पांव तक डाक दिया। यह सरासर नाइंसाफी है । पुरुष अपना मन मजबूत करे और महिलाओ को हिजाब से मुक्ति दें ।
हिजाब को लेकर SC के जजों की राय बंटी , एक ने बैन जारी रखा - दूसरे ने हटाया , मामला बड़ी बेंच को भेजा
बता दें कि हिजाब को लेकर जारी लड़ाई पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने अपना फैसला सुनाया । इस दौरान जस्टिस हेमंत गुप्ता ने जहां कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए याचिकाकर्ताओं की याचिका को खारिज कर दिया । वहीं पीठ के दूसरे जस्टिस सुधांशु धूलिया ने अपने फैसले में हाईकोर्ट के बैन को खारिज कर दिया । उन्होंने कहा कि हिजाब पहनना धार्मिक स्वतंत्रता का मामला है । उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि हमने अपने फैसले में लड़कियों की शिक्षा को ध्यान में रखा है ।
दोनों जजों की राय अलग अलग आने होने पर अब इस मामले को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यूयू ललित (CJI UU Lalit) के पास भेज दिया गया है । पीठ ने उनसे बड़ी बेंच में सुनवाई का आग्रह किया गया है । सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों का फैसला अलग होने के बाद कर्नाटक हिजाब बैन पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रहेगा और हिजाब पर बैन जारी रहेगा ।
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विदित हो कि 24 मार्च को याचिकाकर्ता कर्नाटक हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचे थे । कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच में 10 दिनों तक हिजाब विवाद पर जोरदार बहस चली । जिरह के दौरान मुस्लिम पक्ष ने जहां एक ओर हिजाब की तुलना पगड़ी और क्रॉस से की, तो वहीं जस्टिस हेमंत गुप्ता ने इस पर तीखी टिप्पणी की । दस दिन चली सुनवाई के बाद 22 सितंबर को पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था ।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च को राज्य के उडुपी में गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग द्वारा कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था. हाई कोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है ।