मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को बहुमत तो मिला , लेकिन सीएम पद की दावेदारी को लेकर उभरे मतभेदों के चलते सरकार बनने का रास्ता फिलहाल नजर नहीं आ रहा है । इस सब के बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक लेख लिखकर भाजपा पर आरोप लगाए कि हमारी गठबंधन की दूसरी पार्टी प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की धमकी देते हुए विधायकों को धमका रही है । यह ठीक नहीं है । वहीं शिवसेना , जो महाराष्ट्र में भाजपा को बहुमत के जादुई आंकड़े के करीब न पाकर सीएम पद पर 50-50 के फॉर्मूले पर अड़ गई है , खुद अपने ही जाल में फंसती नजर आ रही है ।
असल में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना को झटका देते हुए साफ कर दिया है कि वह विपक्ष में बैठना पसंद करेगी । वह शिवसेना के साथ किसी तरह का कोई गठबंधन करने नहीं जा रही है । इस सब के चलते राज्य में जमकर सियासी घमासान मचा हुआ है । वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करने के लिए दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात करने में जुटे हैं ।
वहीं शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा, 'महाराष्ट्र की राजनीति फिलहाल एक मजेदार शोभायात्रा बन गई है। शिवराय के महाराष्ट्र में ऐसी मजेदार शोभायात्रा होगी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? वर्तमान झमेला ‘शिवशाही’ नहीं है। राज्य की सरकार तो नहीं लेकिन विदा होती सरकार के बुझे हुए जुगनू रोज नए मजाक करके महाराष्ट्र को कठिनाई में डाल रहे हैं । धमकी और जांच एजेंसियों की जोर-जबरदस्ती का कुछ परिणाम न हो पाने से विदा होती सरकार के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने नई धमकी का शिगूफा छोड़ा है । 7 नवंबर तक सत्ता का पेंच हल न होने पर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा।
बता दें कि अकेले पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पाने की उम्मीद लगाए भाजपा को राज्य में उतनी सीटें नहीं मिली , जिसकी वह उम्मीद कर रही थी । ऐसे में शिवसेना ने भी दांव खेल दिया और राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए 50-50 के फॉर्मूले पर अड़ गई है । शिवसेना प्रमुख भाजपा के इस मुद्दे पर कोई जल्दबाजी नहीं दिखाने के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिले । इस दौरान शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने कहा कि वह भाजपा के बिना भी बहुमत का आंकड़ा पाने में सक्षम है । लेकिन उनका दांव उस समय उल्टा पड़ गया , जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने साफ कर दिया कि वह शिवसेना के साथ कोई गठबंधन करने नहीं जा रहे हैं ।
इससे इतर , संजय राउत ने अब कहा कि भाजपा दबाव की राजनीति करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने का डर दिखाकर विधायकों को धमका रही है । यह ठीक नहीं है । उन्होंने कहा कि भाजपा और हमने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था लेकिन भाजपा अपने कहे फॉर्मूले से पीछे हट रही है ।
उधर , भाजपा ने 5 नवंबर के लिए वानखेड़े स्टेडिमय को बुक करने की कवायत तेज की है । हालांकि अभी तक बीसीसीआई की ओर से इसकी पुष्टि नहीं हुई है । लेकिन भाजपा शपथ ग्रहण के लिए स्टेडियम बुक करने की जो रणनीति अपना रही है , उसे विपक्ष दबाव की राजनीति करार दे रही है ।