भोपाल । मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी उलटफेर करने के बाद सूबे में एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान चौधी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हो चुके हैं । इस सबसे इतर मंगलवार को उन्होंने सदन में विश्वासमत भी हासिल कर लिया है । इस सबके बीच खास बात यह नजर आई कि सपा-बसपा के साथ ही कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा का समर्थन किया । सोमवार देर रात सीएम पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने सदन में 112 विधायकों का समर्थन हासिल किया। इससे पहले कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद अल्पमत में आई कांग्रेस सरकार के मुखिया कमलनाथ ने सीएम पद से इस्तीफा दिया ।
बता दें कि कांग्रेसी विधायकों में पड़ी फूट के बाद जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट के आदेश हुए तो उससे पहले ही कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन के पास जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था । इसके बाद भाजपा ने फिर से शिवराज सिंह चौहान को अपने विधायक दल का नेता चुना और सोमवार देर रात अकेले उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई गई ।
इस सबके बाद मंगलवार को विधानसभा में शिवराज सरकार को कुल 112 विधायकों का समर्थन हासिल हुआ । इसमें भाजपा के 107 के अलावा बसपा-सपा और निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा का समर्थन किया ।
बता दें कि सोमवार को शपथ लेने के बाद शिवराज की ओर से विधानसभा का चार दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है, जो 24 मार्च से 27 मार्च तक चलेगा । विधानसभा के चार दिवसीय विशेष सत्र में सदन की कुल तीन बैठकें होंगी ।
शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालते ही सक्रिय हो गए हैं , उन्होंने कोरोना वायरस (COVID19) के मद्देनजर वल्लभ भवन में प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों एवं केन्द्र से आए उच्च अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की । इस दौरान उन्होंने इससे निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए ।