मुंबई । महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन की महा विकास अद्याड़ी सरकार बनने के साथ ही जिस तरह की आशंकाएं जाहिर की जा रही थी , उसकी बानगी शनिवार को आखिरकार नजर आ गई । खबर है कि शिवसेना कोटे से राज्य मंत्री अब्दुल सत्तार ने शनिवार ठाकरे सरकार से इस्तीफा दे दिया है । हालांकि अभी उनके इस्तीफे के कारणों का खुलासा नहीं किया गया है लेकिन गत 30 दिसंबर को हुए कैबिनेट विस्तार के दौरान अब्दुल सत्तार ने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी लेकिन पिछले कुछ दिनों से पदों और मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर तीनों ही दलों में भारी गतिरोध जारी है । इसके चलते तीनों ही दलों के दिग्गज नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की है ।
विदित रो कि वर्ष 2014 में कांग्रेस के टिकट पर जीते लेकिन 2019 में उन्होंने शिवसेना ज्वाइन कर ली थी । सिल्लोड विधानसभा से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए सत्तार 2009 और 2014 में कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे हैं । लेकिन गत वर्ष उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़कर शिवसेना का भगवा पकड़ा और पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते.।
मिली जानकारी के अनुसार , शिवसेना के कोटे में आए मंत्रीपद के बीच पार्टी ने अब्दुल सत्तार को गत 30 दिसंबर को मंत्री पद की शपथ ली थी । कांग्रेस से बगावत करके शिवसेना का मुस्लिम चेहरा बनकर सामने आए अब्दुल सत्तार की पार्टी में भी ठीकठाक साख है । लेकिन शनिवार को एकाएक उन्होंने शिवसेना नेता अनिल देसाई को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
अब खबर है कि उनके द्वारा अपना इस्तीफा सौंपे जाने के बाद शिवसेना नेता अर्जुन खोतकर सत्तार से मिलने पहुंचे है । इस दौरान सत्तार पर अपना इस्तीफा वापस लेने का दबाव बनाया जा सकता है , लेकिन अभी जो मौजूदा हालात सामने आ रहे हैं , उसमें ऐसा होता कम ही नजर आ रहा है ।
असल में खबरें मिल रही हैं कि औरंगाबाद जिला परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव में सत्तार समर्थक जिला परिषद सदस्यों ने महाविकास आघाडी के खिलाफ वोटिंग बात कही है ।