पुणे । क्या शिवसेना और भाजपा फिर से एक बार महाराष्ट्र में साथ आने वाले हैं ? क्या सही में महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार को लेकर शिवसेना के 35 विधायक असंतुष्ट है ? क्या एनसीपी प्रमुख शरद पवार के हाथ में सत्ता की कमान संबंधी आरोपों से शिवसेना आहत है ? इन सभी सवालों के जवाब शिवेसना के दिग्गज नेता संजय राउत के एक बयान से सामने आए । असल में पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में संजय राउत ने पीएम मोदी की जमकर तारीफें कीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए मेरे दिल में बेहद इज्जत है । नरेंद्र मोदी हमारे देश के अब तक के सबसे लोकप्रिय नेता हैं । भले ही अब मैं उनकी सरकार का हिस्सा नहीं हूं लेकिन मैं भी बोल विपक्ष की तरह ही रहा हूं । साथ ही उन्होंने साफ किया कि उद्धव ठाकरे सरकार का रिमोट कंट्रोल किसी के हाथ में नहीं है। शरद पवार के हाथों में हमारी सरकार का रिमोट कंट्रोल होने की बातें बेबुनियाद हैं । वहीं उन्होंने कहा कि अगर भाजपा महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद अपना वादा निभाती तो महाराष्ट्र की तस्वीर कुछ अलग ही होती ।
असल में पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने जहां मोदी की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े , वहीं साफ कर दिया कि उनकी सरकार किसी रिमोट कंट्रोल से नहीं चल रही है । संजय राउत ने कहा कि शरद पवार के पास महाविकास अघाड़ी (उद्धव ठाकरे सरकार) का रिमोट कंट्रोल नहीं है । मैं शरद पवार में अगाध श्रद्धा और विश्वास रखता हूं । शरद पवार और उद्धव ठाकरे ही ऐसे नेता हैं जो महाराष्ट्र को विकास की ओर ले जा सकते हैं ।
राउत ने कहा - हमारी गठबंधन सरकार के गठन को लेकर कई लोगों ने कड़ी मेहनत की है । यह सरकार सुपरहिट सिनेमा की तरह है और बहुत से कलाकारों ने इसके गठन में काम किया । यहां तक की उद्धव ठाकरे की सरकार बनाने में भाजपा के कुछ नेताओं का भी योगदान है । भाजपा ने हमारी महा विकास अघाड़ी के नट बोल्ट (अजित पवार) को तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें (भाजपा) पता नहीं था कि वे स्टेपनी के टायर के साथ डिलिंग कर रहे हैं, जबकि दूसरे टायर बरकरार थे । अब अजित पवार हमारी कार के 4 मुख्य पहियों में से एक पहिया हैं ।
उद्धव ठाकरे की सरकार को लेकर उठ रहे सवालों पर राउत बोले - राज्य में गठबंधन की सरकार, वक्त की जरूरत है । तीनों दल एक साथ आए और मिलकर सरकार का गठन किया । वर्तमान सरकार एक टेस्ट ट्यूब बेबी नहीं है। यह एक सुनियोजित बेबी है और हमने इसका नामकरण संस्कार भी कर दिया है ।
वहीं जेएनयू छात्रों के हिंसक प्रदर्शन पर राउत बोले - मैं जेएनयू के छात्रों के रुख से सहमत नहीं हो सकता , लेकिन मैं जेएनयू के छात्रों से मिलने जा रहा हूं । हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि वे हमारे ही छात्र हैं और उनके साथ कैसी बर्बरता हुई ।
संजय राउत के यह बयान ऐसे समय में आए हैं , जब उद्धव ठाकरे सरकार को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं । हाल में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने उद्धव सरकार को लेकर बड़ा बयान दिया । उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में शिवसेना के 56 विधायकों में से 35 पार्टी नेतृत्व से ‘असंतुष्ट’ हैं । राणे ने महाविकास अघाड़ी को ‘नकारा’ सरकार करार देते हुए कहा कि शिवसेना, NCP और कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाने में 5 सप्ताह से अधिक समय लिया । राणे ने कहा- भाजपा महाराष्ट्र की सत्ता में जरूर लौटेगी । भाजपा के पास 105 विधायक हैं, जबकि शिवसेना के पास महज 56 और उसमें भी 35 ‘असंतुष्ट’ हैं । राणे ने यह भी कहा कि किसानों का ऋण माफ करने का ठाकरे सरकार का वादा भी ‘खोखला’ है ।