कानपुर । यूपी पुलिस को हिला देने वाले कानपुर गोलीकांड में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की धरपकड़ के लिए पुलिस की गई टीमें अभी भी दबिश ही दे रही हैं , लेकिन उससे संबंधित कोई ठोस सुराग पुलिस को अबतक हाथ नहीं लगा है । इस सबके बीच खुलासा हुआ है कि विकास दुबे के संपर्क में चौबेपुर पुलिस थाने के दो दारोगा और एक सिपाही थे । इन पुलिसकर्मियों की कॉल डिटेल से इस बात का खुलासा हुआ है । इसके बाद दारोगा कुंवर पाल और कृष्ण कुमार शर्मा समेत सिपाही राजीव को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया है और मामले की जांच शुरू हो गई है । वहीं इस पूरे गोलीकांड के पीछे ग्राम पंचायत की 6 बीघा जमीन को बताया जा रहा है ।
बता दें कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को हत्या के मामले में गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर , बदमाश और उसके गुर्गों ने घेरकर फायरिंग की थी , जिसमें 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गए । वहीं 7 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए । इस घटना को लेकर सामने आ रहा है कि चौबेपुर थाने के एक एसआई ने पहले ही विकास दुबे को रेड पड़ने की जानकारी दे दी थी , जिसके चलते इस हिस्ट्रीशीटर ने पुलिसकर्मियों को मारने के साथ ही अब भागने के सारे इंतजाम कर लिए थे ।
मामले की प्रारंभिक जांच में ही सामने आया था कि चौबेपुर थाने का एसओ विनय कुमार ने ही विकास दुबे को जानकारी दी , लेकिन अब सामने आ रहा है कि अकेले वहीं नहीं थाने के दो अन्य दरोगा और एक सिपाही विकास दुबे से लगातार संपर्क में थे । इस सब पर एसएसपी ने दारोगा कुंवर पाल और कृष्ण कुमार शर्मा समेत सिपाही राजीव को सस्पेंड कर दिया है । इसके साथ ही इन सबकी विकास दुबे के साथ हुई बातचीत की भी गहन जांच हो रही है ।
वहीं इस पूरे घटनाक्रम के पीछे एक 6 बीघा जमीन का विवाद सामने आ रहा है । जानकारी के अनुसार , कानपुर में कुख्यात अपराधी विकास दुबे और पारिवारिक बहनोई राहुल तिवारी के बीच ग्राम पंचायत की 6 बीघा जमीन को लेकर विवाद था । यही जमीन विवाद बिकरू गांव में हुए गोलीकांड की जड़ बना । मोहनी निवादा गांव का रहने वाला राहुल तिवारी ने घनश्यामपुर ग्राम पंचायत की ग्राम पंचायत की 6 बीघा ज़मीन को लेकर चल रहे विवाद के चलते दुबे के खिलाफ अपहरण का प्रयास, जानलेवा हमले की शिकायत चौबेपुर थाने में की थी । 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के एक दिन पहले तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय तिवारी जांच के लिए विकास दुबे के पास गए थे । विकास दुबे ने अपने घर पर थानाध्यक्ष के साथ मारपीट की और उनपर बंदूक भी तानी । हालांकि इसकी जानकारी विनय ने आला अधिकारियों को नहीं दी ।
विकास दुबे ने यह खूनी साजिश राहुल तिवारी की उस एफआईआर के बाद रची, जो गुरुवार को चौबेपुर थाने में दर्ज कराई गई थी । विकास दुबे समेत उसके तीनों भाइ हिस्ट्रीशीट हैं। विकास दुबे के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद पुलिस जब उसके गांव में गई थी, तो जेसीबी मशीन लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया था । जैसे ही पुलिसकर्मी सीओ देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में पैदल आगे बढ़े तो विकास के गुर्गों ने तीन दिशाओं से उन पर फायरिंग शुरू कर दी थी । इस हमले में यूपी पुलिस के सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए ।
वहीं कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि घटना के बाद से शिकायतकर्ता राहुल तिवारी भी अपने परिवार के साथ लापता है । उसकी तलाश भी की जा रही है। पुलिस विकास की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है ।