कानपुर । उत्तर प्रदेश पुलिस हाल में जुमे वाले दिन कानपुर में हुई हिंसा के मामले की पड़ताल तेज कर दी है । इस दौरान पुलिस को हिंसा के मद्देनजर एक व्हाट्सएप ग्रुप की जानकारी मिली है , जिसमें इस हिंसा को अंजाम देने के लिए बनाया गया था । इस ग्रूप में हिंसा से संबधी बातों के बाद कई खुलासे हुए हैं। इतना ही नहीं यूपी पुलिस ने पथराव करने वाले 40 लोगों को फोटो वाले पोस्टर जारी किए हैं । साथ ही कानपुर की जनता से अपील की गई है कि वह अगर वे पोस्टर में दिखने वाले लोगों को जानते हैं तो नीचे दिए गए नंबर पर फोन करके इनके बारे में जानकारी दें । जानकारी देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी । पुलिस ने जो नंबर जारी किया है वह इस तरह है - 9454403715 ।
CCVT फुटेज से हुआ खुलासा
कानपुर हिंसा की जांच कर रही पुलिस ने अपनी जांच में सीसीटीवी कैमरों की मदद ली । इस दौरान सामने आया कि हिंसाग्रस्त इलाके का एक पेट्रोल पंप कई लोगों को बोतलों में पेट्रोल देता नजर आया । इसके बाद इस पेट्रोल का इस्तेमाल , हिंसाग्रस्त इलाके में पेट्रोल बम बनाने फेंकने के काम में लाया गया । डिप्टी पड़ाव इलाके में स्थित रामलाल एंड संस से ही पेट्रोल बोलतों में दिया गया । जबकि पेट्रोल पंप पर साफ लिखा गया है कि बोतलों में तेल नहीं दिया जाएगा , बावजूद इसके भारी मात्रा में बोलतों में तेल दिया गया ।
कई लोगों के चेहरे सामने आए
सीसीटीवी कैमरों से मिली फुटेज के आधार पर यूपी पुलिस ने करीब 40 लोगों का पहला पोस्टर जारी किया गया है । सीसीटीवी फुटेज में जो लोग पत्थर फेंकते नजर आए , उन लोगों के चेहरों का एक कोलार्ज बनाया गया है । यूपी पुलिस का कहना है कि ऐसे कई लोगों को पोस्टर थोड़े समय बाद फिर से जारी किया जाएगा , लेकिन अभी इस पोस्टर में मौजूद लोगों की पहचान के लिए यूपी पुलिस ने लोगों से इन लोगों को पहचानने की अपील की है ।
38 आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने 38 लोगों को अब तक गिरफ्तार कर लिया है , जबकि कई लोगों की पहचान होने के साथ ही उन्हें दबोचा जा रहा है । वहीं पुलिस के ज्वाइंट सीपी , लॉ एंड ऑर्डर आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि हमने लोगों के घरों के बाहर , बाजार में लगे सीसीटीवी फुटेज और मीडिया की फुटेज के आधार पर कुछ संदिग्धों को चिन्हित किया है । जल्द हम कुछ अन्य लोगो पहचान करने के बाद उनके पोस्टर जारी करेंगे । लोग ऐसे संदिग्ध लोगों को पहचाने और हमें बताएं , हम ऐसे लोगों की पहचान गुप्त रखेंगे । ऐसा करने से आम जनता हिंसा करने वालों को सजा दिलाने में मदद कर सकते हैं ।