नई दिल्ली। बसों और ट्रेनों में मोबाइल चोरी होने की खबरें आजकल आम हो गई हैं। मोबाइल के चोरी होने पर अफसोस तो होता ही है उसके बाद पुलिस से शिकायत करने पर भी शायद ही उसका मिलना मुमकिन हो पाता है। अब अगर ऐसा होता है तो घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर 14422 जारी किया है। इससे पूरे देश में लोगों को अब शिकायत दर्ज कराने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इस नंबर पर डायल करने या संदेश भेजने पर शिकायत दर्ज हो जाएगी और पुलिस व सेवा प्रदाता कंपनी मोबाइल की खोज में जुट जाएगी। दूरसंचार मंत्रालय मई के अंत में महाराष्ट्र सर्किल में इसकी शुरुआत करेगा।
गौरतलब है कि देश के 21 अन्य दूरसंचार सर्कल में कई चरणों में इसे दिसंबर तक लागू किया जाएगा। बता दें कि दूरसंचार प्रौद्योगिकी केंद्र (सी-डॉट) ने चोरी या गुम मोबाइल का पता लगाने के लिए सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) तैयार कर लिया है। सीईआईआर में देश के हर नागरिक का मोबाइल मॉडल, सिम नंबर और आईएमईआई नंबर है। मोबाइल मॉडल पर निर्माता कंपनी द्वारा जारी आईएमईआई नंबर के मिलान का तंत्र सी-डॉट ने ही विकसित किया है। इस तंत्र को चरणबद्ध तरीके से राज्यों की पुलिस को सौंपा जाएगा। मोबाइल के खोने पर शिकायत दर्ज होते ही पुलिस और सेवा प्रदाता मोबाइल मॉडल और आईएमईआई का मिलान करेंगी। अगर आईएमईआई नंबर बदला जा चुका होगा, तो सेवा प्रदाता उसे बंद कर देंगी, हालांकि सेवा बंद होने पर भी पुलिस मोबाइल ट्रैक कर सकेगी।
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बता दें कि सी-डाॅट के अनुसार शिकायत मिलने के बाद चोरी हुए मोबाइल फोन में कोई भी सिम लगाने पर नेटवर्क नहीं आएगा लेकिन उसकी ट्रैकिंग की जा सकेगी। मोबाइल चोरी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर दूरसंचार मंत्रालय ने सीडाॅट को ऐसी सुविधा विकसित करने के लिए कहा था जिसके जरिए मोबाइल का पता लगाया जा सकेगा। आईएमईआई बदलने पर 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। पिछले साल दूरसंचार मंत्रालय ने मोबाइल चोरी, झपटमारी और गुम होने की बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर टेलीग्राफ एक्ट में संशोधन किया था। इसके तहत आईएमईआई से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।