देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है । सीएम धामी ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के एक बड़े फैसले को पलटते हुए देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का ऐलान किया है । दो साल पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया था। लेकिन तीर्थ पुरोहितों समेत कुछ अन्य संस्थाओं और कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी के इस बोर्ड को लेकर हो हल्ला करने से सरकार पर दबाव बन रहा था ।
विदित हो कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वर्ष 2019 में श्राइन बोर्ड की तर्ज पर चारधाम देवस्थानम बोर्ड बनाने का फैसला लिया था। हालंकि इसका विरोध तीर्थ पुरोहितों ने किया था । बावजूद इसके रावत सरकार ने सदन से विधेयक पारित कर अधिनियम बनाया और देवस्थानम बोर्ड को गठित कर दिया था। सरकार के इस फैसले के विरोध में चारधामों के तीर्थ पुरोहित व हकहकूकधारी आंदोलन पर उतर आए, लेकिन सरकार अपने फैसले पर अड़ गई थी ।
सरकार का तर्क था कि बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम समेत 51 मंदिर बोर्ड के अधीन आने से यात्री सुविधाओं के लिए अवस्थापना विकास होगा। राज्य के पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने पूर्व सीएम के फैसले से भड़की जनभावनाओं को देखते हुए इस मुद्दे पर कोई फैसला लेने का आश्वासन दिया था , लेकिन फैसला लेने से पहले सीएम ही बदल गए । राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बाद सीएम बने पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थ पुरोहितों के विरोध को देखते हुए उच्च स्तरीय कमेटी बनाने की घोषणा की। पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया।
इस समिति में चारधामों के तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया। अब समिति की अंतिम रिपोर्ट का परीक्षण कर मंत्रिमंडलीय उप समिति ने भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।
चलिए बताते हैं कि इस घटनाक्रम में कब कब क्या क्या हुआ ....
- 27 नवंबर 2019 को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को मंजूरी।
- 5 दिसंबर 2019 में सदन से देवस्थानम प्रबंधन विधेयक पारित हुआ।
- 14 जनवरी 2020 को देवस्थानम विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दी।
- 24 फरवरी 2020 को देवस्थानम बोर्ड में मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया।
- 24 फरवरी 2020 से देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों का धरना प्रदर्शन
- 21 जुलाई 2020 को हाईकोर्ट ने राज्य सभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज करने फैसला सुनाया।
- 15 अगस्त 2021 को सीएम ने देवस्थानम बोर्ड पर गठित उच्च स्तरीय समिति का अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी को बनाने की घोषणा की।
- 30 अगस्त 2021 को उच्च स्तरीय समिति में चारधामों से नौ सदस्य नामित किए।
- 25 अक्तूबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति ने सरकार को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी
- 28 नवंबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति ने मुख्यमंत्री को अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
- 29 अक्तूबर 2021 को मंत्रिमंडलीय उप समिति ने रिपोर्ट का परीक्षण कर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी।