देहरादून । राज्य में फर्जी बीएड डिग्री की मदद से नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर एक बार फिर से शिकंजा कसा गया है । फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्ति पाने वाले ऐसे 5 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज करवाई है । इन पांचों शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है । हालांकि एसआईटी की गिरफ्त में 11 शिक्षक आए थे , जिनमें से कुछ अन्य की अभी भी जांच जारी है । विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शेष छह के खिलाफ जैसे ही निदेशालय से लिखित आदेश जारी होंग , उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी । सूत्रों के अनुसार , शिक्षा निदेशालय ने जनपद से सात और शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के बारे में भी जानकारी मांगी है। विभाग द्वारा संबंधित खंड शिक्षाधिकारी के माध्यम से जानकारी मांगी जा रही है।
बता दें कि गत माह एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में गठित टीम ने रुद्रप्रयाग जनपद के 11 शिक्षकों पर शिकंजा कसा था , जिन्होंने फर्जी डिग्री से नियुक्ति पाई थी । इसके बाद एसआईटी ने इन शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए विभाग से सिफारिश की थी।
इसके बाद निदेशालय ने 5 शिक्षकों को तो निलंबित कर दिया है , जिनके खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनवाने और धोखाधड़ी करने की एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है । वहीं अभी 6 अन्य फर्जी शिक्षकों के खिलाफ जांच जारी है ।
मिली जानकारी के अनुसार , इन सभी शिक्षकों ने 1994 से 2005 के बीच अपनी बीएड की डिग्री जमा कराई थी, लेकिन चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में इन वर्षों के सत्र में उनकी डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। इसके आधार पर इनकी डिग्री को फर्जी करार दिया गया।
निदेशालय स्तर पर फर्जी डिग्री से नियुक्ति के मामले में पकड़े गए इन शिक्षकों के खिलाफ पत्रावलियां तैयार की जा रही हैं। अब पांच शिक्षक कांति प्रसाद भट्ट, माया बिष्ट, विजय सिंह, राकेश सिंह और महेंद्र सिंह के खिलाफ विभाग ने जरूरी कार्रवाई पूरी करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
डीईओ बेसिक डा. विद्याशंकर चतुर्वेदी ने बताया कि शेष छह शिक्षकों के मामले में निदेशालय से लिखित आदेश प्राप्त होते ही कानूनी कार्रवाई के साथ निलंबन की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।