न्यूज डेस्क । उत्तराखंड के जोशीमठ में प्राकृतिक आपदा से करीब 678 मकानों में आई दरारों का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है । केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार की टीमें इस आपदा से पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और हालात पर काबू पाने के लिए पूरी शिद्दत से जुट गई हैं । इस बीच चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने कहा कि हमने जोशीमठ के इस क्षेत्र को असुरक्षित जोन घोषित किए हैं । वहां से लोगों को निकालने का सिलसिला जारी है। इस बीच दरारों से असुरक्षित घरों को बुलडोजर की मदद से गिराने का काम शुरू हो गया है। इस दौरान दो होटलों को भी जमींदोज किया जाएगा ।
जोशीमठ में हो रही हलचल की जानकारी इस तरह है...
चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने कहा कि सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की की टीम प्रभावित इलाके में आ रही है । उनके दिशानिर्देश पर असुरक्षित घरों को ध्वस्त किया जाएगा । दो इमारतें असुरक्षित घोषित की गई हैं, उनको वैज्ञानिक तरीके से ढहाया जाएगा ।
थोड़ी देर में होटलों को गिराना शुरू कर दिया जाएगा । मौके पर मौजूद एसडीआरएफ की टीम आसपास के घरों को खाली करा रही है ।
जोशीमठ में नौ वार्ड के 678 मकान ऐसे हैं जिनमें दरारें हैं । सुरक्षा की नजर से दो होटल को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत बंद किए गए हैं ।
SDRF कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि होटल मलारी इन को गिराया जाएगा । इस कई चरणों में गिराया जाएगा । उन्होंने बताया कि ये होटल अब रहने लायक नहीं हैं , भूस्खलन के चलते ये मकान एक तरह झुक गए हैं। इन्हें ढहाना अब जरूरी है ।
उन्होंने कहा कि इसके नीचे भी कई घर और होटल हैं और अगर ये ज्यादा धंसेगा तो कभी भी गिर सकता है । उन्होंने कहा कि CBRI के एक्सपर्ट आ रहे हैं, वो ज्यादा तकनीकी जानकारी देंगे ।
इससे इतर , जोशीमठ के घरों में दरार पड़ने को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि मामले में सुनवाई 16 जनवरी को होगी । कोर्ट का कहना है कि जो कुछ भी महत्वपूर्ण है उसे कोर्ट में आने की जरूरत नहीं है। इस पर लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित संस्थाएं काम कर रही हैं ।
वहीं होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि मुझे केंद्र और राज्य सरकार से बहुत तकलीफ है । ये होटल जनहित में तोड़ा जा रहा है कोई बात नहीं, मैं प्रशासन के साथ हूं. बस मुझे नोटिस देना चाहिए और मेरा आर्थिक मूल्यांकन कर देना चाहिए, मैं यहां से चला जाऊंगा । मेरा आग्रह है आर्थिक मूल्यांकन किया जाए ।
बता दें कि जोशीमठ के इलाके को तीन जोन में बांटा गया है, जो खतरनाक, बफर और पूरी तरह से सुरक्षित हिस्सों में रखे गए हैं । इन जोन को मैग्नीट्यूड के आधार पर भूस्खलन के खतरे को देखते हुए बनाया गया है ।