देहरादून । उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में तीरथ सिंह रावत बुधवार शाम 4 बजे शपथ लेंगे । हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत को पद से हटाए जाने के बाद कई विधायकों और सांसदों के नाम इस रेस में चल रहे थे , लेकिन एकाएक बिना किसी चर्चा और गुटबाजी के तीरथ सिंह रावत का नाम आया तो सब चौंक गए । असल में जहां तीरथ सिंह रावत का संघ के करीबी नाता है , वहीं गुटबाजी से उनका दूर दूर तक संबंद नहीं है , यही खासियत रही कि धन सिंह रावत , अजय भट्ट , रमेश पोखरियाल निशंक , रमेश बलूनी , सतपाल महाराज के दौड़ में नजर आने के बावजूद केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें तरजीह दी । विधायक दल की बैठक में तीरथ रावत के नाम पर मुहर लगते ही केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने बुके देकर उनका स्वागत किया । तीरथ संघ की पहली पसंद थे ।
असल में पौड़ी गढ़वाल सीट से पहली बार सांसद बने तीरथ सिंह रावत का लंबा राजनीतिक इतिहास है । 9 अप्रैल 1964 को पौड़ी गढ़वाल के सीरों,पट्टी असवालस्यूं में जन्में तीरथ सिंह ने हेमवती नंदन गढ़वाल यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ ऑर्टस का स्नातक कोर्स किया । उनके पिता का नाम कलम सिंह रावत और माता का नाम गौरा देवी था ।
वर्ष 1983 में संघ से जुड़े रावत छात्र राजनीति का भी हिस्सा रहे । पढ़ाई के बाद उन्होंने संघ से जुड़कर बतौर सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम शुरू किया । महज 20 साल की उम्र में 1983 में संघ के प्रांत प्रचारक बन गए । इतना ही नहीं वो छात्र संघ मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे । तीरथ सिंह रावत 90 के दशक में चले अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े और दो साल जेल मे भी रहे ।
इतना ही नहीं 90 के दशक में राज्य निर्माण आंदोलन में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई । साल 2000 में जब उत्तराखंड राज्य बना तो वो पहली राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री बने । साल 2007 में उन्हें भाजपा उत्तराखंड इकाई का महामंत्री बनाया गया । वो फरवरी 2013 से दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष भी रहे ।
वर्तमान में तीरथ सिंह रावत पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद हैं । इससे पहले वो साल 2012 से 2017 में चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे । पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी के पुत्र मनीष खंडूरी को बहुत बड़े अंतर से हराया । बहरहाल , खुद को सीएम पद के लिए नामित किए जाने पर तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी । कई साल तक संघ से जुड़ा रहा. छात्र राजनीति से संघ से जुड़ा और पार्टी ने यहां तक पहुंचा दिया ।