देहरादून । उत्तराखंड के युवा RTI कार्यकर्ता अजय कुमार ने कुछ ऐसा कर दिया कि आज उनकी एक छोटी सी पहल , देश के लिए मिसाल बन गई है । असल में अजय ने पिछले दिनों खाद्य पदार्थों के पैकेटों में आने वाले खिलौनों को अनसेफ फूड करार दिए जाने की मांग की थी , क्योंकि ऐसे ही एक पैकेट में निकले खिलौने को निगल लेने से 2017 में आंध्र प्रदे के गोदवरी जिले में इलुरानगर में एक बच्चे की मौत हो गई थी । इस मुद्दे को लेकर अजय ने पीएमओ को चिट्ठी भी लिखी थी । पीएमओ ने अजय के मुद्दे को गंभीरता से लिया और संबंधित विभागों को इससे संबंधित निर्देश दिए । इसके बाद एफएसएसएआई ने खाद्य पदार्थों के पैकेटों में आने वाले खिलौनों को अनसेफ फूड माना है। इसमें 6 माह से आजीवन कैद और एक लाख से 10 लाख तक का जुर्माना है।
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बता दें कि देहरादून के दूधली गांव निवासी आरटीआई कार्यकर्ता अजय कुमार की एक पहल से देश में एक बड़ा कानून बना है। असल में 2017 में ऐसे ही एक खिलौने के चलते एक बच्चे की मौत के बाद आरटीआई कार्यकर्ता अजय कुमार ने पीएम को एक चिट्ठी लिखी। पीएमओ से 4 जनवरी 2018 एफएसएसएआई को प्रकरण की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इस मामले को लेकर गत 19 जुलाई को अजय PMO गए और इस पर नियम बनाने की मांग की।
इसके बाद पीएमओ के निर्देश पर 22 जुलाई को देश भर के आयुक्तों को प्लास्टिक खिलौने डाले जाने वाले खाद्य पदार्थों को अनसेफ फूड की कैटेगरी में मानकर कार्रवाई करने के आदेश दिए । इसमें कहा गया है कि खाने-पीने की चीजों में बच्चों को लुभाने के लिए प्लास्टिक खिलौने डाले जाने वाले खाद्य पदार्थों को अनसेफ फूड की कैटेगरी माना जाए। ऐसे उत्पादों पर कार्रवाई की जाए।
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