देहरादून । उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में शुक्रवार का दिन इसलिए अहम रहा क्योंकि राज्य में चुनावों के लिए नामांकन का शुक्रवार आखिरी दिन था । अंतिम समय तक दोनों दलों के उम्मीदवार बदले भी गए । अब सामने आए आंकड़ों पर नजर डालें तो जहां कांग्रेस ने युवाओं पर भरोसा जताया है तो भाजपा ने महिला उम्मीदवारों पर । हालांकि दोनों ही दलों में परिवारवाद की झलक भी नजर आई । कांग्रेस ने जहां युवा सीएम धामी के नेतृत्व में किसी युवा नेता को मौका नहीं देने के तंज कसे , तो भाजपा ने कांग्रेस में महिलाओं की दावेदारी को लेकर पार्टी पर कटाक्ष किए । ऐसे में कुछ रोचक तथ्यों और आंकड़ों को टीम अंग्वाल ने खंगाला और आपके सामने पेश कर रहे हैं ।
कुछ ऐसा रहे आंकड़े
महिला उम्मीदवारों पर ऐसी रही दलों की नीति
- नामांकन की प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी होने के बाद सामने आए आंकड़ों पर नजर डालें तो जहां भाजपा ने 8 महिला उम्मीदवारों को टिकट देते हुए उनपर भरोसा जताया। इनमें शामिल हैं इनमें केदारनाथ से शैला रानी रावत, कोटद्वार से ऋतु भूषण खंडूड़ी, नैनीताल से सरिता आर्य, देहरादून कैंट से सविता कपूर, खानपुर से कुंवरानी देवयानी, यमकेश्वर से रेनू बिष्ट, पिथौरागढ़ से चंद्रा पंत, सोमेश्वर से रेखा आर्य के नाम शामिल हैं।
- वहीं कांग्रेस ने 5 महिलाओं को ही टिकट दिया है । पार्टी ने हरिद्वार ग्रामीण में पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत, मसूरी में गोदावरी थापली, भगवानपुर में ममता राकेश, रुद्रपुर से मीना शर्मा औ लैंसडोन से अनुकृति गुसाईं को टिकट दिया है। जबकि हरिद्वार जिले की ज्वालापुर सीट पर बरखा रानी और लालकुआं सीट पर संध्या डालाकोटि का टिकट देने के बाद नाम वापस ले लिया गया।
युवा नेताओं पर कितना भरोसा....
- अगर बात युवा नेताओं की करें तो भाजपा ने अपनी युवा ब्रिगेड यानी भारतीय जनता युवा मोर्चा के किसी भी नेता को टिकट नहीं दिया है । भाजपा पर अपने इस फैसले को लेकर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जैसी अहम जिम्मेदारी से आगे बढ़े हैं।
- बात कांग्रेस की करें तो यहां पार्टी ने अपने दो युवा नेताओं पर भरोसा जताया। पार्टी ने युवा कांग्रेस कोटे से जयेंद्र चंद रमोला को ऋषिकेश सीट से और ज्वालापुर से रवि बहादुर को टिकट दिया ।परिवारवाद के आरोपों के बीच...
- अगर बाद उत्तराखंड के दोनों बड़े दलों की बात करें तो दोनों में ही परिवार की झलक नजर आई । भाजपा यूं तो एक परिवार एक टिकट के सिद्धांत की बातें करती नजर आई , लेकिन परिवारवाद के आरोपों से नहीं बच पाई ।
- भाजपा ने देहरादून कैंट में कार्यकर्ताओं के विरोध के बीच भाजपा ने दिवंगत विधायक हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर को टिकट दिया । वहीं पिथौरागढ़ में भाजपा ने दिवंगत वरिष्ठ नेता प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत, सल्ट में दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के भाई महेश जीना, खानपुर में भाजपा ने विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन की पत्नी कुंवरानी देवयानी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कोटद्वार में पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी की बेटी ऋतु भूषण खंडूड़ी, सितारगंज में भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा, काशीपुर में भाजपा के वरिष्ठ नेता व विधायक हरभजन सिंह चीमा के बेटे त्रिलोक सिंह चीमा को टिकट देकर परिवारवाद के आरोपों से खुद को नहीं बचा पाई ।
- कांग्रेस भी इस मुद्दे पर भाजपा से पीछे नहीं रही । खुद जिन पूर्व सीएम हरीश रावत के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है, उनकी ही बेटी को टिकट दे दिया गया। इसी क्रम में यशपाल आर्य बाजपुर से लड़ेंगे जबकि उनका बेटा संजीव आर्य नैनीताल से चुनाव मैदान में है। पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा के बेटे नरेंद्र चंद सिंह को पार्टी ने काशीपुर से टिकट दिया है। लैंसडोन विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मंत्री व वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को टिकट दे दिया है।