टिहरी । उत्तराखंड में घोटालों और सरकारी उदासीनता की मार झेलने वाला टिहरी झील पर स्थिति डोबरा चांठी पुल की सतह को आपस में जोड़ने का काम आखिरकार पूरा हो गया है । इस काम में सरकार और सरकारी अफसरों को 13 साल का समय लग गया । लोक निर्माण विभाग ने रविवार को अपना काम पूरा कर लिया है । हालांकि इस पर आवाजाही में अभी कितना समय लगेगा , यह भी सरकार और अधिकारियों के लिए एक चुनौती भर होगा । हालांकि सरकारी बयान में इस बात का आश्वासन दिया गया है कि आगामी 3 महीने के भीतर इस पुलिस से आवाजाही शुरू हो जाएगी ।
सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पुल के डैक आपस में जोड़ने का काम पूरा होने पर कहा - डोबरा चांठी पुल का काम लंबे समय से चल रहा था। हमने इसके लिए एकमुश्त बजट जारी किया। पुल पर आवाजाही शुरू होने से प्रतापनगर और उत्तरकाशी के गांवों को सुविधा मिलेगी। एक दशक से ज्यादा समय तक इस पुल को लेकर टिहरी की राजनीति भी काफी प्रभावित हुई । 13 वर्ष बाद पुल जोड़ने में सफलता मिलने पर रविवार को इंजीनियरों ने खुशी जताई।
बता दें कि 440 मीटर लंबा डोबरा चांठी पुल भारत का सबसे लम्बा मोटरेवल सिंगल लेन झूला पुल है। IIT समेत कई अन्य संस्थाओं के असफल हो जाने के बाद कोरियन कंपनी से इसकी डिजायनिंग कराई गई। पुल निर्माण पर 275 करोड़ खर्च हो चुके हैं।
पुल पर आवाजाही शुरू हो जाने से प्रतापनगर और उत्तरकाशी जिले के एक हिस्से के लोगों को फायदा होगा और टिहरी जिला मुख्यालय से दूरी 30 से 50 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। लोनिवि के प्रमुख अभियंता हरिओम शमा ने बताया कि अब केवल रेलिंग, प्रोफाइल ओर विंड कटर का काम ही शेष रह गया है।