देहरादून । उत्तराखंड ( uttarakhand) से हो रहा स्थानीय लोगों का पलायन (Migration), अब राज्य सरकार की ही नहीं बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गया है। इस सब के मद्देनजर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी उत्तराखंड में चीन (China) सीमा पर बसे गांवों से हो रहे पलायन को लेकर अलर्ट हो गई है । मिली जानकारी के अनुसार , राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Security Council) की बैठक में इस पर चर्चा की जा रही है । इतना ही नहीं आगामी 27 सितंबर को दिल्ली में सुरक्षा परिषद की प्रस्तावित बैठक में इससे जुड़े कुछ मुद्दों पर अहम फैसले आ सकते हैं । इस बैठक में उत्तराखंड पलायन आयोग के अध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी सुरक्षा परिषद के सामने एक प्रेजेंटेशन देंगे ।
बता दें कि लंबे समय से उत्तराखंड में पलायन एक चिंता का बड़ा कारण बना हुआ है । इतना ही नहीं यह आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है । आलम यह है कि राज्य के सैकड़ों गांव जहां पूरी तरह खाली हो गए हैं , वहीं हजारों गांवों में नाममात्र के ही लोग बचे हैं। इससे इतर , चीन के कुछ सैनिकों की उत्तराखंड की सीमा में आवाजाही की खबरों और चीन सीमा से जुड़े उत्तराखंड के 14 गांवों के पूरी तरह खाली होने की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा परिषद सजग हुई है ।
जानकारी के अनुसार , चीन सीमा से जुड़े चमोली का एक, पिथौरागढ़ के 8 और चम्पावत के 5 गांव पूरी तरह खाली हो गए हैं । इतना ही नहीं सीमा से जुड़े करीब 8 दूसरे गांवों में पिछले एक दशक के दौरान आबादी आधी रह गई है । ऐसे में केंद्र सरकार अब सीमांत गांवों के लिए विशेष पैकेज देने की तैयारी भी कर रहा है ।
बता दें कि उत्तराखंड में पलायन को एक गंभीर मुद्दा मानते हुए भाजपा की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने सत्ता में आते ही एक सदस्यीय पलायन आयोग की स्थापना की । इस आयोग ने कई बार अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को दी लेकिन इस मुद्दे पर सरकार की ओर से कोई ठोस योजना या कदम उठता नजर नहीं आया ।
इस सब के बीच आयोग ने चीन सीमा से लगे गांवों के आंकड़ों का आकलन किया तो चौंका देने वाले खुलासे हुए । सामने आया कि चीन सीमा से सटे 14 गांव पूरी तरह से खाली हो गए हैं। इतना ही नहीं चीनी सैनिकों के उत्तराखंड की सीमा में घुसपैठ करने की खबरों के बीच यह मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ गया ।
सामने आया कि उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों की सीमाएं दूसरे देशों से लगती हैं , जिसमे चमोली में चीन के सैनिकों के आने की खबरें कई बार सामने आती रही हैं । चीन के सैनिकों की भारत की सीमा में उपस्थिति की जानकारी भी स्थानीय ग्रामीण ही सुरक्षा एजेंसियों को देते हैं, लेकिन जब पलायन आयोग ने देखा कि चीन की सीमा से सटे हुए गांव ही खाली हो रहे हैं तो केंद्र सरकार अलर्ट हो गई।
इस पूरे मामले में पर पलायन आयोग के अध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी का कहना है हम पिछले कुछ सालों से स्थिति से जुड़े आंकड़े और रिपोर्ट तैयार कर चुके हैं । हमारे सामने जो आंकड़े आए उससे साफ हो गया है कि हमारे सीमावर्ती गांव खाली हो रहे हैं । ऐसे मे अब हमें राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर भी योजना बनानी होगी ।