देहरादून । उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हरीश रावत के खिलाफ आखिरकार CBI ने FIR दर्ज कर ली है । नैनीताल हाईकोर्ट ने सीबीआई को हरीश रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी थी , जिसके बाद सीबीआई ने विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है । हरीश रावत पर दर्ज हुए मुकदमे पर कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यह एक फर्जी मुकदमा है । विधायकों की खरीद-फरोख्त भाजपा ने की थी और मुकदमा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ किया गया है । विपक्ष को खत्म करने की सरकार की यह एक साजिश है।
विदित हो कि वर्ष 2016 में उत्तराखंड कांग्रेस में जबरदस्त बगावत हुई थी । उस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नेतृत्व में करीब 12 कांग्रेस विधायक हरीश रावत के खिलाफ सड़कों पर आ गए थे । ऐसे में बहुमत साबित करने के लिए हरीश रावत इन बागी विधायकों को प्रलोभन देते हुए एक स्टिंग में फंस गए थे । स्टिंग सामने आने के बाद हरीश रावत सरकार को बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था, लेकिन, बाद में सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के बाद हरीश रावत सरकार बहाल की गई ।
इस सब के बाद CBI ने कुछ समय पहले नैनीताल हाईकोर्ट से विधायकों के खरीद-फरोख्त मामले में हरीश रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। नैनीताल हाईकोर्ट में बहस के बाद ही सीबीआई को हरीश रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी थी ।
कांग्रेस ने हरीश रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर प्रतिक्रिया देते हुए उसे एक साजिश करार दिया है , वहीं भाजपा का कहना है कानून अपना काम कर रहा है । जांच एजेंसियों ने जो तथ्य जांच में पाए उसके बाद ही यह मुकदमा दर्ज किया गया है ।