देहरादून। देहरादून स्थित बाल आश्रमों की खस्ताहालत और बच्चों की खराब स्थिति की शिकायत पर बालआयोग की टीम ने 2 बाल आश्रमों पर छापा मारा है। छापे के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है कि बच्चों को तबेले में रखा गया है और वहां कपड़ों की दीवार बना दी गई है। बच्चों की हालत देखकर बाल आयोग की अध्यक्ष गुस्से से लाल हो गईं और जिलाधिकारी को तत्काल दोनों आश्रमों की एनओसी निरस्त करने के साथ ही एसडीएम को जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजने के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने अपनी टीम के साथ शिमला बाईपास स्थित हरिओम आश्रम और शिवओम आश्रम में छापा मारा तो यहां की अव्यवस्थाएं और बच्चों की दयनीय हालत सामने आई। छापेमारी के दौरान पता चला कि आश्रम में 22 लड़कियां और 17 लड़के रह रहे हैं। लड़के और लड़कियों के कमरे के बीच कोई भी दरवाजा नहीं है।
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आपको बता दें कि बच्चों की दयनीय स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शौचालय में 3 सीट लगाई गई है। बाल आश्रम की चारदीवारी के नाम पर सिर्फ चुनरी और धोती टांग दी गई है। कड़वापानी स्थित आश्रम में 10 साल तक की बालक-बालिकाओं को रखा गया है जबकि इससे बड़ी 14 बालिकाओं को शिवओम आश्रम गुरुकुल छात्रावास शिवराज नगर बरवाला में रखा गया है। बच्चों के आवास के सामने गौशाला बना दिया गया है। आश्रम प्रबंधक अनुपम आनंद गिरि और स्वामी अमित आनंद गिरि को व्यवस्था सुधारने को कहा गया तो बाल आयोग की अध्यक्ष के साथ दुर्व्यवहार एवं अभद्रता करने लगे। अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बचपन बचाओ आंदोलन को आश्रम संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं और जिलाधिकारी को दोनों आश्रमों की एनओसी को निरस्त करने के आदेश दिए हैं।