देहरादून । उत्तारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अकेले ही राज्य के भाजपा नेताओं के खिलाफ हल्ला बोला हुआ है । पिछले दिनों सुबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ जुबानी जंग के बाद अब हरदा के नाम से विख्यात हरीश रावत ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के साथ जुबानी जंग शुरू की है । अपने एक बयान में हरीश रावत ने दशरथ का किरदार निभाने वाले बंशीधर भगत को रावण करार दिया तो दूसरी ओर से भी पलटवार आया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस के कालनेमि और रावण हैं।
असल में एक बार फिर से पूर्व सीएम हरीश रावत फेसबुक पर सक्रिय नजर आए । उन्होंने एक के बाद एक कई पोस्ट की। एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत रामलीला में दशरथ का पाठ खेलते हैं और संवाद रावण के बोलते हैं। केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होंने (हरीश रावत) जमरानी नेशनल प्रोजेक्ट राज्य को दिया। भाजपा के नेताओं ने एचएमटी, आईडीपीएल बंद करवा दी।
अपने बयानों में रावत यहीं तक नहीं रूके बल्कि उन्होंने कहा कि गंगा की धारा को नहर घोषित करने का फैसला उस समय जनहित में लिया था। अब हम सबके भावनात्मक हित में भाजपा उस फैसले को रद्द कराए। हरीश रावत ने कहा कि वे गंगा की धारा को नहर घोषित करने का प्रायश्चित जरूर करेंगे। यह प्रायश्चित वे 2022 में कांग्रेस की सरकार को वापस लाकर करेंगे।
राज्य के पूर्व सीएम के इन बयानों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी पलटवार किया । उन्होंने इन पोस्ट का जवाब देते हुए हरीश रावत के नाम एक खुला पत्र लिखा । उन्होंने लिखा- सच कड़वा होने से हरीश रावत बौखला गए हैं। शायद आपको मेरी बात थोड़ी कड़वी लगी हो। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि सच कड़वा होता है और आप की बौखलाहट इसका परिणाम है। आपने बिल्कुल ठीक कहा कि मैं रामलीला में दशरथ का पाठ खेलता हूं। अगर आपने रामलीला देखी होगी तो आपको राजा दशरथ का एक वक्तव्य याद होगा ‘हम नहीं बोले झूठ, पलट जाए चाहे जमीन सारी।’ लिखा कि आप कांग्रेस के कालनेमि हैं, जिसे हनुमान जी का रास्ता रोकने के लिए कांग्रेस रूपी रावण ने भेजा है। मगर आपको ये याद तो होगा कि कालनेमि हनुमान जी के हाथों मात खाता है। उसी तरह 2022 में भी ये हनुमान रूपी जनता आप जैसे कालनेमि को फिर से परास्त करेगी।
अपने पत्र में भगत ने लिखा - राज्य आंदोलन के समय में मुलायम सिंह से आपकी दोस्ती जगजाहिर है। आपको धरना देने का बड़ा शौक है। जब कांग्रेस सरकार ने विशेष पैकेज व विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किया तो आप धरने पर क्यों नहीं बैठे? लिखा कि उत्तराखंड का सीएम बनने के लिए आपने अपने ही मुख्यमंत्रियों की जड़ों में खूब मट्ठा डाला। आप रायता फैलाने में विशेषज्ञ हैं। आपकी पार्टी के नेता भी आपके इस रायते से बचने की कोशिशें लगातार करते दिखते हैं।