पौड़ी/देहरादून/चमोली । उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम की मार ने राज्य के विभिन्न जिलों में आफत खड़ी कर दी है । राज्य में चमोली और टिहरी में दो जगहों पर बादल फटने से जहां 11 घर पानी में बह गए , वहीं इस प्राकृतिक आपदा में 4 लोगों की मौत हो गई , जबकि 3 तीन लापता हो गए हैं। इसी क्रम में गढ़वाल में भारी बारिश के चलते लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा रहा है । इतना ही नहीं बादल फटने की घटना में कुछ लोग घायल भी हुए हैं। इसके साथ ही कई मवेशी भी चपेट में आए हैं। हालांकि जहां स्थानीय लोग इस प्राकृतिक आपदा को बादल फटना करार दे रहे हैं, वहीं प्रशासन ने इस अतिवृष्टि करार दिया है । इस सब के चलते कई इलाकों में जहां बिजली आपूर्ति बंद हो गई है , वहीं कई इलाकों में भूस्खलन से एक बार फिर से कई रास्ते बंद हो गए हैं।
पहली घटना - टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक की नैलचामी पट्टी के थार्ती गांव
टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक की नैलचामी पट्टी के थार्ती गांव में गुरुवार देर रात करीब डेढ़ बजे बादल फटने से एक मकान मलबे में समा गया, जिससे घर में रह रही सुमन बुटोला की 30 वर्षीय पत्नी मकानी देवी और छह वर्षीय बेटे सुरजीत की मौत हो गई। वहीं इस घटना में उनकी 12 वर्षीया पुत्री सपना घायल हो गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में बिजली आपूर्ति ठप हो गई , वहीं सड़कों पर मलबा आ गया है ।
दूसरी घटना - चमोली जिले के देवाल क्षेत्र स्थित फल्दिया गांव में
मिली जानकारी के अनुसार , बादल फटने की पहली घटना चमोली जिले के देवाल क्षेत्र के फल्दिया गांव में हुई । यहां बादल फटने के बाद बरसाती मलबे में दबने से एक मां-बेटी की मौत हो गई। इसके अलावा गांव में कुल 11 मकान मलबे के सैलाब में समा गए। गुरुवार देर गांव में बादल फटने से अफरातफरी मच गई। लोगों में अफरातफरी मच गई । इस दौरान मलबे में ग्रामीण रमेश की 29 वर्षीय पत्नी पुष्पा देवी और पांच वर्षीया पुत्री ज्योति की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस और एसडीएम केएस नेगी सहित पूरी प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। इसके अलावा देवाल क्षेत्र की सभी सड़कें बंद हो गई हैं। सिर्फ देवाल-थराली मोटर मार्ग खुला है। तलौर, बमण, बेरा, पदमल्ला आदि गांवों में भी भारी तबाही की सूचना है।
उत्तरकाशी में आकाशीय बिजली ने बरपाया कहर
इसी क्रम मे उत्तरकाशी के विभिन्न हिस्सों में गुरुवार देर रात पुरोला प्रखंड के दूरस्थ मोरेत्रा बुग्याल में आकाशीय बिजली गिरने से शिकारू गांव के ग्रामीणों की दो सौ ज्यादा भेड़-बकरियों की मौत हो गई है।