देहरादून । उत्तराखंड में एक बार फिर से मानसून में बारिश आफत लेकर आई है । बारिश के साथ ही भूस्खलन ने राज्य में आने जाने वालों के लिए भी दिक्कतें पेश कर दी हैं। एक बार फिर से बारिश के बाद ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे पर मंगलवार सुबह मलबा आ गया, जिसके चलते हाईवे देर शाम तक बंद रहा। करीब 7 घंटे हाईवे प्रभावित होने के बाद खुल सका । इसी क्रम में नैनीताल में भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग में पाड़ली की पहाड़ी से सुबह 6.30 बजे पत्थरों का मलबा गिरने से रास्ता बंद हो गया। इसके चलते घंटों तक मार्ग बाधित रहा। इस वजह से सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गई।
कुछ ऐसा ही हाल चंपावत-टनकपुर हाईवे पर भी चल्थी के पास टिपन टॉप पर भारी मलबा आने के चलते देखा गया । वहीं पिथौरागढ़ समेत गढ़वाल और कुमाऊं के कई इलाकों में देर रात से भारी बारिश हो रही है। इसके चलते हाईवे पर भूस्खलन का भी खतरा बना हुआ है।
जानकारी के मुताबिक , बद्रीनाथ हाइवे पर नीम बीच में तपोवन से 300 मीटर आगे सुबह साढ़े 6 बजे भूस्खलन से यातायात बाधित हुआ था। 9:30 पर रास्ता खोल दिया गया था। लेकिल शिवपुरी से 200 मीटर आगे कलतरी में भूस्खलन से फिर हाईवे बंद हो गया। मलबा हटाने का काम जारी है। एनएच के अधिशासी अभियंता मृत्युंजय शर्मा ने बताया कि बारिश के कारण मंगलवार सुबह 8 बजे भूस्खलन हुआ है। मलबा हटवाने का कार्य जारी है।
वहीं पहाड़ कटिंग के लिए 11 जुलाई की सुबह बंद की गई पिथौरागढ़-घाट सड़क पर 84 घंटे बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। एनएच पर यातायात सुचारु होने से सीमांत के लोगों ने राहत महसूस की है। NH बंद होने से पिथौरागढ़ की जनता को थल-बेड़ीनाग रूट से 73 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर हल्द्वानी पहुंचना पड़ रहा था। सड़क को 14 जुलाई की सुबह नौ बजे खोलने का दावा किया गया था, लेकिन 13 जुलाई की शाम को कटिंग के दौरान पहाड़ी से सड़क पर मलबा और बोल्डर आ गए। इसके चलते रास्ता खोलने में कुछ समय और लगा।