देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षकों के आंदोलन के बाद शिक्षा मंत्री का दिल उनकी मांगों को लेकर पसीजने लगा है। सचिवालय में राजकीय शिक्षक संघ और मंत्री के साथ काफी देर तक हुई बैठक के बाद अरविंद पांडे ने उनकी मांगों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एक बार फिर से कहा कि शिक्षक देवतुल्य हैं और उनकी समस्या का हर हाल में समाधान किया जाएगा लेकिन नेतागिरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गौरतलब है कि राजकीय शिक्षक संघ ने पिछले 12 दिनों तक आंदोलन करने के बाद हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अपना आंदोलन वापस ले लिया था। सचिवालय में शिक्षक संघ और मंत्री के बीच हुई बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट ने कहा कि शिक्षकों के हड़ताल पर जाने के फैसले से वे काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जब शिक्षकों की मांगों पर कार्रवाई कर रही है, तो ऐसे में आंदोलन का कोई उद्देश्य नहीं था।
यहां बता दें कि राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने कहा कि पिछले कई साल से शिक्षक अपनी समस्याओं को लेकर परेशान हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है इसी वजह से उन्हें आंदोलन के रास्ते पर उतरना पड़ा। मंत्री ने शिक्षा सचिव और निदेश को कुछ अहम मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं।
ये भी पढ़ें- उत्तराखंड कैबिनेट का बड़ा फैसला, जबरन धर्म परिवर्तन कराना पड़ेगा महंगा, जाना पड़ सकता है जेल
ये मांगे होंगी पूरी
-विज्ञान विषय के शिक्षकों के प्रमोशन में दूरस्थ शिक्षा के जरिए उपाधिधारकों के शिक्षकों से पहले सामान्य शिक्षकों के प्रमोशन
-सातवें वेतनमान की वजह से वरिष्ठ और कनिष्ठ के बीच उत्पन वेतन विसंगति का हल
-व्यायाम विषय के प्रवक्ताओं की नियुक्तियां की जाएंगी
-जल्द ही पद भी सृजित किए जाएंगे
-बोर्ड परीक्षा में कृपांक का लाभ शिक्षकों को भी मिलेगा
-बोर्ड में लाया जाएगा इसका प्रस्ताव
-महिला शिक्षक को प्रधानाचार्य के स्तर से 15 सीसीएल की सुविधा
-शिक्षकों को चुनाव और जनगणना सरीखे राष्ट्रीय कार्यक्रमों के इतर बाकी कामों से किया मुक्त करने आदि मांगों पर सहमति बनी।