देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसले को महाराष्ट्र से प्रेरित बताया जा रहा है लेकिन प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र सरकार से ज्यादा बड़ा दिल दिखाते हुए अनाथ बच्चों के लिए 5 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का फैसला लिया है। बता दें कि महाराष्ट्र में ऐसे बच्चों के लिए सिर्फ 1 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था है। उत्तराखंड में ऐसे बच्चों को वयस्क होने पर शासकीय/अशासकीय सेवाओं के अनारक्षित श्रेणी के पदों पर आरक्षण की सुविधा मिलेगी।
गौरतलब है कि महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित स्वैच्छिक/राजकीय गृहों में वर्तमान में करीब एक हजार अनाथ बच्चे रह रहे हैं जिनके परिवारों के बारे में कोई सूचना नहीं है। इन बच्चों को राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।
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यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कुछ समय पहले ऐसे बच्चों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकारों से अपेक्षा करते हुए कहा कि वे उनके लिए राजकीय सेवाओं में आरक्षण की व्यवस्था करेंगे। गौर करने वाली बात है कि महाराष्ट्र सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए 1 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की है जबकि उत्तराखंड सरकार ने अनाथ बच्चों को 5 फीसदी आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।