देहरादून । उत्तराखंड की राजनीति में उठापटक करने वाले हरक सिंह रावत की आखिरकार शुक्रवार दोपहर फिर से कांग्रेस में वापसी हो गई है । हरक सिंह रावत ने आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व मुख्यमंत्री हरक सिंह रावत की मौजूदगी में फिर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली । राज्य की पुष्कर सिंह धामी में कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगने के बाद भाजपा से उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित किया था , जिसके बाद उन्होंने राज्य सरकार पर कई आरोप लगाते हुए कांग्रेस में शामिल होने के संकेत दिए थे । कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह रावत ने कहा कि मैं कांग्रेस में बिना शर्त शामिल हुआ हूं , मैं सोनिया गांधी का बहुत आभारी हूं । उनका आभार भूल नहीं पाउंगा ।
विदित हो कि हरक सिंह रावत पर अपनी बहू , अपने एक समर्थक और अपने लिए टिकट मांगते हुए भाजपा पर दबाव बनाने का आरोप लगा था , जिसके बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था । इसके बाद उन्होंने कांग्रेस में जाने के संकेत दिए थे , उन्होंने कहा था वह पार्टी से बात कर रहे हैं ।
इस सबके बाद शुक्रवार दोपहर हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल हो गए । हालांकि सूत्रों से हवाले से खबर आ रही है कि एक टिकट की शर्त पर हरक की कांग्रेस में वापसी हुई है। पार्टी से या तो हरक सिंह रावत को या फिर उनकी बहू को टिकट मिल सकता है।
सामने आया है कि सोनिया व राहुल गांधी की हरी झंडी के बाद हरक सिंह को पार्टी में शामिल करने का अंतिम फैसला किया गया। हरक की वापसी में प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह व प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव लंबे समय से जुटे हुए थे। हालांकि पूर्व सीएम हरीश रावत ने 2016 के प्रकरण को देखते हुए उनकी वापसी को रोके रखा।
बता दें कि हरक सिंह रावत भाजपा से निष्कासित होने के बाद काफी भावुक नजर आए थे। उन्होंने आरोप लगाया की बीजेपी ने उनके साथ धोखा किया है। हरक सिंह ने यह भी कहा कि 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। जिसमें भाजपा सत्ता से बाहर होगी और कांग्रेस 40 सीटों के साथ सरकार बनाएगी। इससे इतर , सीएम धामी का कहना है कि हरक सिंह रावत परिवार के सदस्यों को टिकट देने का दबाव बना रहे थे। पार्टी ने उनकी दबाव की राजनीति को खारिज करते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित किया है ।