देहरादून । उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस बार चुनाव आयोग द्वारा कोरोना काल का हवाला देते हुए प्रचार के लिए डिजिटल और वर्चुअल माध्यम को चुनने का आदेश दिया था , जिसपर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपनी रणनीति बनाकर काम करना शुरू कर दिया है । इसी क्रम में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने बुधवार को फेसबुक लाइव के जरिए जागेश्वर विधानसभा के मतदाताओं को संबोधित किया । जागेश्वर में उन्होंने अपना पुराना भावनात्मक रिश्ता जोड़ते हुए कहा कि ज्योतिर्लिंग में जागेश्वर धाम भगवान शिव का धाम, वहीं माँ बानड़ी देवी जी का मंदिर भी यहाँ विराजमान है, भगवान शिव को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस का भी यह क्षेत्र मायका है।
स्वतंत्रता सेनानियों को किया याद
इस दौरान हरदा ने आजादी के आंदोलन में भी जागेश्वर के लोगों के अभूतपूर्व योगदान को याद किया । उन्होंने आजादी आंदोलन के कई सेनानियों टीका सिंह, नर सिंह, दुर्गा दत्त, इंद्रदेव कांडपाल समेत कई लोगों का नाम लेते हुए उनको नमन किया और कहा कि आजीवन गांधीवाद का पालन कर हम सबका गौरव बढ़ाया है। उन्होंने उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में सुरेश डालाकोटी, शान्ति बिष्ट, तारा दत्त माल चन्द राम आदि के नाम भी याद करते हुये उनके योगदान को राज्य आन्दोलन के लिये महत्वपूर्ण बताया और कहा कि संकट के समय भी कांग्रेस का मनोबल बढ़ाने में इस इलाके बहुत बड़ा योगदान रहा है।
भाजपा सरकार ने योजना भटकाई
उन्होंने कहा जब कभी कांग्रेस का बुरा वक्त आता था तो सब लोग कहते थे कि जैंती, लमगड़ा, पनार, दनिया आदि क्षेत्रों का नम्बर आने दो हम आगे हो जायेंगे, पर ऐसा हुआ नहीं। उन्होंने कहा कि जब इस इलाके तरफ आता हॅू, देखता हॅू तो खटकता है कि हमने मुंशी हरि प्रसाद टम्टा के नाम पर एक पर्वतीय शिल्प संस्थान की स्वीकृति कर 100 करोड़ रूपया भी स्वीकृत किया था। इस भाजपा सरकार ने उसको कहां भटका दिया है? हमने ऋषिकेश व जागेश्वर में योगा महोत्सव का निर्णय लिया था व जागेश्वर में हुआ भी लेकिन पिछले दो वर्ष से वो भी कहीं गुम हो गया है। वहां के लोगों का रचनात्मक दिशा में आगे चलने में बड़ा भारी योगदान रहता है।
रचनात्कम सहयोग के लिए किया याद
इतना ही नही हरदा ने अपने संबोधन के दौरान जनरल बी सी. जोशी व भनौली के वीर सिंह जी सहित कई लोगों को याद किया। उन्होंने कहा मुझे गर्व है कि मुझे गांधीवादी गोविन्द सिंह कुंजवाल , उनके भाई केदार सिंह कुंजवाल व परिवार के सभी सदस्यों का रचनात्मक सहयोग मिलता रहा है। जब मैं तौली की तरफ चलता हूं। तो ऐसा कोई गाड़-गधेरा नहीं जो कुंजवाल जी नहीं जोड़ा है, जहां विकास का प्रकाश न पहुंचा हो। हमने तीन तहसील बनाई और 1 तहसील बाद में बनाई जो भाजपा सरकार ने रोक दी, इसके अलावा कई पौलीटेक्निक कॉलेज, आईटीआईज आदि हमने खोले हैं। वहीं मंहगाई पर भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकार को घेरने से नहीं चूके और लगे हाथ अपनी पेंशनों को भी गिनाया ।
गिनवाए अपने काम
इस दौरान हरीश रावत ने कहा - हमने 3 वर्षों के अंदर 1 लाख 15 हजार से समाज कल्याण की पेंशनों को बढ़ाकर 7 लाख, 25 हजार से ऊपर पहुंचाया और राशि को बढ़ाकर ₹1000 और ₹1250 किया। अब 1800 तक करेंगे ।
- हमने 18 प्रकार की पेंशन शुरू की। अब हमारा वादा है कि हम इस संख्या को 21 पेंशनों के साथ 10 लाख तक पहुंचाएंगे।
- हमने इसमें 3 नई पेंशनें प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। पहली कुड़ी-बाड़ी पेंशन योजना जो 40 वर्ष से ऊपर के उन लोगों को जो दूर-दराज के गाँवों को आबाद किये हुये हैं, उनको मिलेगी।
- दूसरी पेंशन योजना उन श्रमिकों के लिये है जो पुल, सड़क और दूसरे निर्माण कामों में लगे हुए हैं और तीसरी पेंशन योजना हमारे मंगल गीत गाने वाली बहनों के लिए है।
- हम मांगलिक गीतों के समूहों से जो महिलाएं संबद्ध हैं उन सबको पेंशन योजना के अंतर्गत लाएंगे।
- स्कूल के ड्रेस व अन्य उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दे कर 28नए तरह के कार्यों में रोज़गार देकर स्वरोज़गार में लोगों को लगाएँगे ,स्थानीय कृषि उत्पाद में बोनस दे ,गाँवों को सड़क से जड़ पलायन को रोकने का काम करेंगे ।