देहरादू । उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की एक बार बड़ी हार की जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ नेता , पूर्व मुख्यमंत्री और इस बार चुनाव प्रचार समित के अध्यक्ष हरीश रावत ने ली है । हालांकि इस बार उन पर पैसे लेकर टिकट बेचने के आरोपों पर उन्होंने नाराजगी जाहिक की । अपनी तीखी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि आरोप ऐसे आदमी पर लगाए जा रहे हैं जो जो पूर्व सीएम , प्रदेश अध्यक्ष , पार्टी महासचिव और कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य रहा है। इतना ही नहीं आरोप लगाने वाला शख्स भी गंभीर पद पर है । ऐसे में इस बार कांग्रेस को चाहिए कि वह होलिका दहन में हरीश रावत रूपी बुराई का भी दहन कर दें ।
हरीश रावत ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर कहा - पैसे लेकर टिकट बांटने के आरोप मुझ पर लगाए गए हैं । मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस पार्टी मेरे ऊपर लगे इस आरोप के मद्देनजर मुझे पार्टी से निष्कासित कर दे । होली बुराइयों के दमन के लिए उचित उत्सव है । ऐसे में इस बार होलिका दहन और हरीश रावत रूपी बुराई का भी इस होलिका में कांग्रेस को दहन कर देना चाहिए ।
हालांकि इससे पहले गत रविवार को हरीश रावत ने पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि जब पार्टी की प्रचार समिति का अध्यक्ष मैं था तो हार की जिम्मेदारी मेरी बनती है । मैं पार्टी नेतृत्व की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाया। जबकि पार्टी ने मुझपर कितना भरोसा जताया था । कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले अपनी फेसबुक पोस्ट में रावत ने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि वह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का सामना कैसे करेंगे ।
बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने अपना प्रदर्शन 2017 के प्रदर्शन से तो सुधारा लेकिन सत्ता के जादुई आंकड़े से पार्टी बहुत दूर रह गई । कांग्रेस इस बार भी 70 में से केवल 19 सीट तक सिमट गई । इतना ही नहीं खुद कांग्रेस की ओर से सीएम उम्मीदवार रहे हरीश रावत भी लालकुआं क्षेत्र से अपना चुनाव हार गए । प्रदेश में भाजपा 47 सीट पर विजय प्राप्त कर लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुई है ।