देहरादून । उत्तराखंड सरकार ने अपने पूर्व के एक फैसले में बदलाव करते हुए अब नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में सेना के जेसीओ रैंक से नीचे के पूर्व सैनिकों और सैन्य विधवाओं को ही गृह कर में छूट देने का फैसला लिया है । यह फैसला वित्तीय वर्ष 2021-22 से लागू होगा । इस प्रस्ताव पर त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार की कैबिनेट ने मुहर लगा दी है । सरकार ने इस फैसले के पीछे सीमित वित्तीय संसाधनों का हवाला दिया है।
विदित हो कि अब से पहले नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में राज्य में सभी श्रेणी के पूर्व सैनिकों और सैन्य विधवाओं को गृह कर में छूट दी जा रही है। सैनिक बहुल प्रदेश होने के चलते उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों को राज्य सरकार ने वर्ष 2014 में नगर निकायों में गृह कर के मामले में बड़ी राहत दी जा रही है ।
इसके तहत त्रिस्तरीय नगर निकायों में स्वयं के भवनों में रह रहे पूर्व सैनिकों को गृह कर से मुक्त रखा गया। नगर निकायों को इसकी प्रतिपूर्ति सैनिक कल्याण विभाग के माध्यम से होती है। राज्य में अभी तक यही व्यवस्था चली आ रही है। इस बीच सैनिक कल्याण विभाग ने राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों का हवाला देते हुए प्रस्ताव किया कि अगले वित्तीय वर्ष से सभी पूर्व सैनिकों को गृह कर से मुक्त रखने के स्थान पर जेसीओ रैंक से नीचे के पूर्व सैनिकों और सैन्य विधवाओं को ही गृह कर से मुक्त रखा जाए।