Saturday, April 20, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

अब सिर्फ JCO रैंक से नीचे के पूर्व सैनिकों और सैन्य विधवाओं को ही मिलेगी गृहकर में छूट

अंग्वाल न्यूज डेस्क
अब सिर्फ JCO रैंक से नीचे के पूर्व सैनिकों और सैन्य विधवाओं को ही मिलेगी गृहकर में छूट

देहरादून । उत्तराखंड सरकार ने अपने पूर्व के एक फैसले में बदलाव करते हुए अब नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में सेना के जेसीओ रैंक से नीचे के पूर्व सैनिकों और सैन्य विधवाओं को ही गृह कर में छूट देने का फैसला लिया है । यह फैसला वित्तीय वर्ष 2021-22 से लागू होगा । इस प्रस्ताव पर त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार की कैबिनेट ने मुहर लगा दी है । सरकार ने इस फैसले के पीछे सीमित वित्तीय संसाधनों का हवाला दिया है। 

विदित हो कि अब से पहले नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में राज्य में सभी श्रेणी के पूर्व सैनिकों और सैन्य विधवाओं को गृह कर में छूट दी जा रही है। सैनिक बहुल प्रदेश होने के चलते उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों को राज्य सरकार ने वर्ष 2014 में नगर निकायों में गृह कर के मामले में बड़ी राहत दी जा रही है । 


इसके तहत त्रिस्तरीय नगर निकायों में स्वयं के भवनों में रह रहे पूर्व सैनिकों को गृह कर से मुक्त रखा गया। नगर निकायों को इसकी प्रतिपूर्ति सैनिक कल्याण विभाग के माध्यम से होती है। राज्य में अभी तक यही व्यवस्था चली आ रही है। इस बीच सैनिक कल्याण विभाग ने राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों का हवाला देते हुए प्रस्ताव किया कि अगले वित्तीय वर्ष से सभी पूर्व सैनिकों को गृह कर से मुक्त रखने के स्थान पर जेसीओ रैंक से नीचे के पूर्व सैनिकों और सैन्य विधवाओं को ही गृह कर से मुक्त रखा जाए। 

 

Todays Beets: