देहरादून/ नई दिल्ली । उत्तराखंड की जनता के लिए यह बेहद दुखद है कि राज्य में कोई भी सरकार मजबूत नेतृत्व नहीं दे सकी , जिसके चलते राज्य के पिछले 21 सालों के इतिहास में 10 मुख्यमंत्री इस पद पर रहे , लेकिन अधिकांश अपने 5 साल के कार्यकाल को पूरा नहीं कर पाए । एक बार फिर से तीरथ सिंह रावत ने मात्र 115 दिन तक पद पर रहने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है । नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाने के लिए आज शाम विधायक दल की बैठक देहरादून में होगी । दिल्ली से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बतौर पर्यवेक्षक देहरादून के लिए निकल गए हैं । लेकिन दुखद के है कि इतने बड़े संघर्ष के बाद अलग राज्य का दर्जा पाने वाले उत्तराखंड को ऐसे नेता नहीं मिल पाए , जो राज्य के विकास पर ध्यान दे पाते । अधिकांश समय मुख्यमंत्री अपने ही लोगों की राजनीति का शिकार हुए । दुखद है कि पिछले दो दशकों में राज्य में दो बार राष्ट्रपति शासन भी लागू हुआ ।
जाने दो दशकों में उत्तराखंड के 10 मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल
1 नित्यानन्द स्वामी 9 नवम्बर 2000 – 30 अक्टूबर 2001
2 भगत सिंह कोश्यारी 30 अक्टूबर 2001 – 2 मार्च 2002
3 नारायण दत्त तिवारी 2 मार्च 2002 – 8 मार्च 2007
4 भुवन चंद खंण्डूरी 8 मार्च 2007 – 23 जून 2009
5 रमेश पोखरियाल निशंक 23 जून 2009 – 10 सितम्बर 2011
6 भुवन चंद खंण्डूरी 11 सितम्बर 2011 – 13 मार्च 2012
7 विजय बहुगुणा 13 मार्च 2012 – 31 जनवरी 2014
8 हरीश रावत 1 फरवरी 2014 – 27 मार्च 2016
राष्ट्रपति शासन 27 मार्च 2016 – 21 अप्रैल 2016
9 हरीश रावत 21 अप्रैल 2016 – 22 अप्रैल 2016
राष्ट्रपति शासन 22 अप्रैल 2016 – 11 मई 2016
10 हरीश रावत 11 मई 2016 – 18 मार्च 2017
11 त्रिवेंद्र सिंह रावत 18 मार्च 2017 – 10 मार्च 2021
11 तीरथ सिंह रावत 10 मार्च 2021 – 2 जुलाई 2021
मदन कौशिक की अध्यक्षता में होगी बैठक
विदित हो कि आज शाम उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री (Uttarakhand New CM) के नाम पर मुहर लगाने के लिए बीजेपी विधायक दल की बैठक (BJP Legislature Party Meeting) आज (शनिवार को) दोपहर 3 बजे होगी। पार्टी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की अध्यक्षता में ये बैठक आयोजित की जाएगी ।
सीएम पद के लिए इनके नाम पर चर्चा
उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) के इस्तीफा देने के बाद राज्य के नए सीएम के नाम पर चर्चा शुरू हो गई है. इसमें सतपाल महाराज (Satpal Maharaj), धन सिंह रावत (Dhan Singh Rawat) और बिशन सिंह चुफाल का नाम शामिल है ।
किसी अनुभवी के हाथों सौंपेंगे कमान
भाजपा (BJP) के सूत्रों के हवाले से खबर आ रहा है कि इस बार भाजपा आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए उत्तराखंड (Uttarakhand) की कमान किसी अनुभवी चेहरे को सौंपेगी । ऐसी भी संभव है कि राज्य के विधायकों से इतर , भाजपा आलाकमान किसी नए चेहरे को राज्य की कमान सौंप सकता है ।
भाजपा के हाथ आई थी पहली बार राज्य की सत्ता की कमान
बता दें कि 9 नवंबर 2000 को जब उत्तराखंड देश के 27वें राज्य के रूप में वजूद में आया। उस दौरान यूपी विधानसभा और विधान परिषद में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले 30 सदस्यों को लेकर अंतरिम विधानसभा का गठन किया गया। इस अंतरिम विधानसभा में भाजपा का बहुमत था, तो पहली अंतरिम सरकार बनाने का अवसर भी भाजपा को ही मिला। उस दौरान नित्यानंद स्वामी को अंतरिम सरकार का मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके साथ ही नवगठित राज्य में सियासी अस्थिरता की बुनियाद भी पड गई। पार्टी में गहरे अंतरविरोध के कारण स्वामी अपना एक साल का कार्यकाल भी पूर्ण नहीं कर पाए और उन्हें पद छोड़ना पड़ा।