देहरादून। उत्तराखंड में गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने का मुद्दा एक बार फिर से जोर पकड़ने लगा है। गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने समेत 14 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने वाले करीब 150 आंदोलनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस दौरान दोनों के बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई। हालांकि कुछ घंटे जेल में रखने के बाद निजी मुचलकों पर सभी को रिहा कर दिया गया। बताया जा रहा है कि आंदोलनकारियों में इस मुद्दे को लेकर सरकार के प्रति काफी नाराजगी है।
गौरतलब है कि गांधी जयंति के मौके पर चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति धरना-प्रदर्शन कर रही थी। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को समिति ने 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, स्थायी राजधानी गैरसैंण समेत अन्य मांगों के निराकरण को लेकर ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री से इस मामले में बात नहीं होने पर आंदोलनकारियों में काफी नाराजगी है।
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यहां बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से पहले इस बात का वादा किया था कि वह सरकार में आने पर गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाने की ओर कदम उठाएगी लेकिन अभी तक सिर्फ इसके लिए वादे ही किए जा रहे हैं। गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग को लेकर आंदोलनकारी काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं। अब अपनी इस मांग को लेकर ये लोग मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने से पहले ही पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर सुद्धोवाला जेल भेज दिया गया। जेल पहुंचने के बाद कांग्रेस के किशोर उपाध्याय और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह वहां पहुंचकर आंदोलनकारियों को रिहा करने की मांग की। हालांकि जेल पहुंचने के बाद आंदोलनकारियों ने पुलिस को घरों में काम की दुहाई देकर उन्हें जल्द छोड़ने का अनुरोध किया।