नैनीताल । उत्तराखंड के दमदार जिलाधिकारियों की सूची में अब नैनीताल के डीएम सविन बंसल का नाम भी जुड़ गया है । इन अफसरों के साथ इनके परिजनों ने भी वीवीआईपी कल्चर को बाय बाय करके एक मिसाल पेश की है । ताजा घटनाक्रम में नैतीताल के डीएम की पत्नी सुरभि बंसल अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए बीडी पांडे अस्पताल में लाइन में लगी नजर आईं । इस दौरान न तो उन्होंने अपने ओहदे का इस्तेमाल किया , न ही वीवीआईपी कल्चर के तहत दल - बल के साथ अस्पताल पहुंचकर बच्चे का इलाज करवाया । वह आम मरीजों की तरह ही लाइन में लगी । यहां तक की आसपास मौजूद महिलाओं को इस बात का पता भी नहीं चल सका कि उक्त महिला जिले के डीएम की धर्मपत्नी है ।
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बता दें कि जिलाधिकारी सविन बंसल की पत्नी सुरभि सुबह करीब 10 दस बजे अपने बच्चे को लेकर बीडी पांडेय अस्पताल पहुंची । इस दौरान न तो उनके साथ दल बल नजर आया और नहीं ही उन्होंने वीआईपी कल्चर के तहत कोई कृत्य किया । उन्होंने साधारण महिला के तौर पर लाइन में लगकर पर्ची कटवाई और इसके बाद करीब आधा घंटा लाइन में लगकर बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एमएस रावत से अपने बच्चे का इलाज करवाया । हालांकि कुछ लोगों द्वारा डीएम की धर्मपत्नी के लाइन में लगकर पर्ची कटवाने और बच्चे को दिखाने की खबर जैसे ही अस्पताल परिसर में फैली, लोगों ने तालियां बजाकर उनके इस सादगी की जमकर तारीफ की ।
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हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब उत्तराखंड के जिलों में तैनाती पाने वाले जिलाधिकारी और परिजन अपने दमदार काम की बदौलत सुर्खियों में रहते हैं। इस क्रम में रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिडियाल भी अपने बेहतर कार्यों के लिए सुर्खियों में बने रहते हैं। इसी क्रम में हरिद्वार के डीएम रहे दीपक रावत भी अपने कार्यों और व्यवहार के लिए लोगों के चहेते बने हुए हैं। हालांकि राज्य सरकार ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले का मेलाधिकारी बना दिया है।