देहरादून। गंगा की अविरलता को बनाए रखने और उसे प्रदूषण से मुक्त करने के लिए अपनी जान देने वाले संत स्वामी सानंद के पार्थिव शरीर के दर्शन अब लोग कर सकेंगे। डॉ. विजय वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऋषिकेश के एम्स में रविवार को 50-50 लोगों को उनके अंतिम दर्शन करने की इजाजत दी है। कोर्ट ने कहा कि अगले 10 हफ्तों तक लोग उनके दर्शन कर सकेंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी सानंद के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर हरिद्वार के मातृ सदन में रखने के आदेश पर रोक लगाने के निर्णय के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है।
गौरतलब है कि हरिद्वार के स्वामी सानंद की पिछले दिनों गंगा कर अविरलता बनाए रखने के लिए अनशन के दौरान 26 अक्टूबर को एम्स में मौत हो गई थी। इसके बाद राजनीति काफी तेज हो गई थी। बता दें कि पहले हाईकोर्ट ने स्वामी के पार्थिव शरीर को मातृसदन में रखने की इजाजत दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी।
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यहां बता दें कि डॉ. वर्मा ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ से इस मामले की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि यह मसला लोगों की संवेदना से जुड़ा हुआ है। वैसे भी 18 दिनों के बाद मृत शरीर के अंगों को दूसरे मानव शरीर में प्रत्यर्पण नहीं किया जा सकता।