देहरादून । उत्तराखंड में राज्य सरकारों द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बनाई गई नीतियां पहले से सवालों के घेरे में रही हैं। इस सब के बीच विश्व कैंसर दिवस पर देवभूमि के लिए एक और बुरी खबर आई है। आंकड़ों में खुलासा हुआ है कि पिछले 8 सालों में राज्य में कैंसर के मामलों में दोगुने से ज्यादा की वृद्धि हो गई है। प्रदेश के इस बीमारी से जूझने वाले लोगों का इजाफा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते इन मरीजों को दिल्ली-एनसीआर के शहरों में जाकर अपना इलाज करवाने को मजबूर होना पड़ रहा है, लेकिन राज्य सरकार इस और कोई ठोस फैसला लेने के बारे में कोई बात करने को तैयार नहीं। हालाकि स्थिति इतनी चिंताजनक हो गई है कि देश में कैंसर ने अपने पांव सबसे ज्यादा उत्तराखंड में ही पसारे हैं। सामने आया है कि उत्तराखंड में कैंसर के मामले पूरे की तुलना में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं। राज्य में सबसे ज्यादा कैंसर के मामले ओरल और लंग कैंसर के सामने आ रहे हैं।
ICMR की रिपोर्ट में खुलासा
असल में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में कैंसर रोगियों की संख्या पूरे देश के मुकाबले ज्यादा तेजी के बढ़ रही है। पिछले 8 सालों के आंकड़ों पर नजर डालने के बाद आईसीएमआर का कहना है कि देवभूमि में कैंसर के मामलों में दोगुनी की वृद्धि हुई है।
उत्तराखंड में आंकड़ा 10.15 फीसदी
कैंसर पूरे देश में जिस गति से अपने पांव पसार रहा है, वह चिंताजनक है । उत्तराखंड के लोगों के लिए यह स्थिति और भयावय इसलिए हो जाती है कि जहां पूरे देश में कैंसर रोगी प्रतिवर्ष 9.2 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं , वहीं उत्तराखंड में कैंसर के रोगी 10.15 फीसदी है। आईसीएमआर की रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड में सबसे ज्यादा रोगी ओरल और लंग कैंसर से जूझ रहे हैं। कुल कैंसर रोगियों में से 28.79 फीसदी मरीज ओरल और लंग कैंसर के हैं।