नैनीताल। जिम काॅर्बेट पार्क के परिसर में अब प्राईवेट गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगने वाली है। हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि बड़ी संख्या में आने वाले निजी वाहन प्रेशर हाॅर्न का इस्तेमाल कर जंगली जानवरों को परेशान करते हैं। कोर्ट ने जिम काॅर्बेट पार्क प्रशासन को एक दिन में 100 पंजीकृत वाहनों को ही अंदर आने देने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि काॅर्बेट पार्क में घूमने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी यहां का रुख करते हैं और दिल्ली एवं इसके आसपास से जाने वाले ज्यादातर लोग अपने वाहनों का ही इस्तेमाल करते हैं। इनमें से कई गाड़ियों में प्रेशर हाॅर्न लगे होते हैं जिससे जंगली जानवरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब हिमालयन समिति नाम के एक एनजीओ के द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्राईवेट वाहनों की पार्क में एंट्री पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।
यहां बता दें कि कोर्ट ने वन्य जीव प्रतिपालकों को पार्क के आसपास रहने वाले गुर्जर परिवारों को भी हटाने के निर्देश दिए हैं इसके साथ ही पार्क के किनारे रहकर हाथियों को पालने वालों को हाथियों को राजाजी पार्क में जमाकर वहां से कहीं और शिफ्ट करने की बात कही है।
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कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि पार्क के बाहर रहने वाले हाथियों का बेहतर इलाज जरूरी है। हाथी पालकों ने इन हाथियों पर काफी अत्याचार किए हैं। कोर्ट ने वनों में शिकार करने वाले गोपी, गामा, बावरिया समेत अन्य गिरोहों के लोगों पर दायर मुकदमों पर जल्द सुनवाई करने के निर्देश निचली अदालत को दिए हैं। सुनवाई के दौरान सांसद अनिल बलूनी के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि बाघों का अधिकतर शिकार वन गूर्जरों द्वारा किया जा रहा है। एक बाघ की खाल की कीमत बाजार में दो लाख और एक किलो हड्डी की कीमत 15 हजार रुपये होती है। एक बाघ लगभग 50 किलो का होता है, जिसकी कीमत नौ से दस लाख तक होती है। कोर्ट ने सीतावनी, ढैला, बिजरानी रेंज में प्राइवेट वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी है। साथ ही कहा है कि इन रेंज में केवल परमिट वाले वाहन तथा दक्ष ड्राइवर वाले ही जा सकेंगे।