देहरादून । उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिल रही सुविधाओं की बहाली संबंधी उत्तराखंड सरकार के अध्यादेश को रुरल लिटिगेशन एंड एंटाईटलमेंट केंद्र (रुलेक) संस्था ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी है । इस मामले की बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी । राजभवन ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी , जिसके बाद अध्यादेश में नया प्रावधान जोड़ा गया है। नए प्रावधान के तहत अभी तक के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को ही सुविधा मिल सकेंगी। भविष्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को ये सुविधाएं नहीं दी जाएंगी।
विदित हो कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास समेत अन्य सुख-सुविधाओं के संबंध में अध्यादेश को बीती 13 अगस्त को राज्य मंत्रिमंडल ने गुपचुप तरीके से मंजूरी दी थी। मंत्रिमंडल से मंजूर उक्त अध्यादेश को हफ्तेभर बाद राजभवन भेजा गया। राजभवन ने भी इस अध्यादेश को मंजूरी देने में 15 दिन से ज्यादा वक्त लिया था।
इसके तहत पूर्व मुख्ममंत्रियों को सरकारी किराये की दर पर आवास दिया जाएगा । इसके साथ ही उन्हें एक ओएसडी और पीआरओ मिलेगा । इसी क्रम में सुरक्षा गार्ड और चालक समेत मुफ्त फोन की भी सुविधा है ।