नैनीताल। उत्तराखंड के एक और जवान ने देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। नैनीताल के छोई गांव के रहने वाले दीवान नाथ गोस्वामी ने अपनी नौकरी के आखिरी वक्त में भी देश की रक्षा में अपनी शहादत देकर अपना नाम अमर कर दिया। बताया जा रहा है कि 46 वर्षीय दीवान नाथ बीएसएफ की 141वीं बटालियन में जीडी/ड्राइवर पद पर तैनात थे और 4 महीने के बाद ही वे सेवानिवृत्त होने वाले थे। उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन दिया था। उनकी शहादत की खबर मिलते ही उनके घर पर मातम का माहौल पसर गया है और बड़ी संख्या में परिवारवालों को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं।
गौरतलब है है कि दीवान नाथ गोस्वामी के अपनी छुट्टियां बिताकर 8 जुलाई को ही अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। खबरों के अनुसार उनका पार्थिव शरीर सोमवार शाम तक उनके घर पर पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि एसडीएम परितोष वर्मा का कहना है कि उनके पास दीवान नाथ की शहादत की जानकारी नहीं है लेकिन खबरों की तस्दीक के लिए पटवारी को गांव में भेजा गया है।
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यहां बता दें कि शनिवार रात को घरवालों को मिली सूचना के अनुसार उनके पैर में गोली लगी है और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। रविवार को दोबारा जानकारी लेने पर पता चला कि उनका इलाज किया जा रहा है। लखनऊ में रहने वाले दीवान नाथ के बहनोई ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि वे शहीद हो चुके हैं। बाद में मेघालय के कमांडेंट ने भी फोन पर उनके शहीद होने की खबर दी। इस खबर को सुनते ही उनकी मां, पिता और पत्नी बदहवास हो गए। बता दें कि दीवान नाथ के घर पर उनकी पत्नी के अलावा उनकी 5 साल और 2 साल की दो बेटियां हैं। उनके बड़े भाई गोपाल नाथ गोस्वामी कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में कार्यरत हैं जबकि छोटा भाई विजय नाथ गोस्वामी उत्तराखंड पुलिस में है और वर्तमान में अल्मोड़ा कोतवाली में तैनात है।