देहरादून । क्या आपने उत्तराखंड की 'लेडी सिंघम' के बारे में सुना है , यह 'लेडी सिंघम' न तो शरीर से तगड़ी हैं न ही गुस्सैल , लेकिन अपनी कार्यकुशलता और अपने स्वभाव से उन्होंने प्रदेश में अपने काम का ऐसा डंका बजाया है कि विभागीय अधिकारियों के साथ ही जनता भी उन्हें काफी पसंद करती है। यह महिला अफसर कोई और नहीं बल्कि देहरादून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती हैं, जो पिछले 10 सालों में दूसरी ऐसी SSP हैं, जिन्होंने राज्य की राजधानी में बतौर कप्तान अपना 2 साल का कार्यकाल पूरा किया है । उनके कार्यकाल के दौरान पुलिस का रिकॉर्ड देखेंगे तो चौंक जाएंगे । पिछले 2 सालों में देहरादून पुलिस ने हत्या के 100 फीसदी मामलों को सुलझाने में सफलता हासिल की है , वहीं प्रदेश समेत देश में सुर्खियां बंटोरने वाला एटीएम क्लोनिंग केस से लेकर किडनी कांड के आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा है ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती अपने इस दो साल के कार्यकाल पर कहती हैं कि उनके कार्यकाल के दौरान देहरादून में तैनात सिपाही से लेकर थाना प्रभारी, सीओ और एसपी द्वारा टीम भावना से किए गए काम के चलते उन्हें यह सफलता हासिल हुई है।
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बता दें कि आज से 2 साल पहले 16 मई 2017 को निवेदिता कुकरेती ने देहरादून के एसएसपी के रूप में कार्यभाल संभाला था । इससे पहले कुछ कप्तान राजधानी में या तो मात्र 3 माह अपनी सेवाएं दे पाए या कुछ 1 साल तक ही टिक पाए । इस सब के बीच जब निवेदिता ने देहरादून की कानून व्यवस्था की कमान संभाली तो उनके सामने काफी चुनौतियां भी थीं । उनपर अपने बेहतर काम का दबाव तो था ही साथ ही कई लंबित मामलों के खुलासे की भी चुनौती थी।
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अपने 24 माह के कार्यकाल में आज स्थिति यह है कि कुछ एक - दो मामले को छोड़कर किसी बड़े मामले में पुलिस जांच लंबित नहीं है । पुलिस ने न केवल अन्य मामलों में अपराधियों को सलाखों के पीछे भेज दिया , बल्कि कई मामलों में प्रदेश से बाहर के गैंग का पर्दाफाश करते हुए उन्हें भी दबोचा है ।
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जब निवेदिता ने देहरादून एसएसपी का कार्यभार संभाला था उस दौरान उनके सामने साकेत कॉलोनी में व्यापारी के यहां डकैती का मामला चुनौती के रूप में सामने खड़ा था । अभी वह इस मामले को समझ ही रहीं थी कि डोईवाला में डकैती का एक दूसरा मामला सामने आ गया था। हालांकि इन दोनों मामलों को उनके कुशल नेतृत्व में बहुत कम समय में ही खोल दिया गया ।
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खास बात यह है कि पिछले 2 साल के कार्यकाल के दौरान में जिले में हत्या की हुई सभी घटनाओं में मामलों को सुलझा लिया गया है । पुलिस ने हत्या के 51 मामलों में 74 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है । उन्होंने जुलाई 2017 में दर्ज हुए एटीएम क्लोनिंग के मामले में भी काफी सजगता से जांच की । यह देश का पहला मुकदमा बना था, जिसमें अलग-अलग 98 केस दर्ज किए गए थे। हालांकि यहां भी पुलिस ने मात्र 1 माह में एक बड़े गैंग का पर्दाफाश करते हुए हरियाणा से आरोपियों को दबोच लिया ।
इसी तरह सितंबर 2017 में उत्तरांचल डेंटल कॉलेज लालतप्पड़ डोईवाला के अंदर स्थित गंगोत्री चैरिटेबल हास्पिटल के नाम से हो रहे किडनी निकालने का अवैध कारोबार का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने इस मामले में 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया ।