देहरादून। उत्तराखंड के सुभारती मेडिकल काॅलेज की खराब स्थिति और बुनियादी सुविधाओं के अभाव पर हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा विश्वविद्यालय ने निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। बता दें कि एचएनबी मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हेमचंद्र की अध्यक्षता में एक समिति ने सुभारती मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में काॅलेज में जिस स्तर की कमियों का उल्लेख किया गया है उसे ठीक करने में सरकार को 2 से 3 साल का समय लग सकता है। ऐसे में यहां शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों के भविष्य पर तलवार लटक गया है।
गौरतलब है कि सुभारती मेडिकल काॅलेज के छात्रों ने सुविधाओं की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। पिछले महीने की कोर्ट ने राज्य सरकार को सुभारती मेडिकल काॅलेज का अधिग्रहण करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही सरकार ने कहा था कि वह काॅलेज में सभी सुविधाओं को ठीक करेगी। हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में एक टीम ने काॅलेज का निरीक्षण किया था।
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यहां बता दें कि निरीक्षण के बाद शासन को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि काॅलेज में जिस स्तर की सुविधा उपलब्ध है उसमें तो उसे मेडिकल काॅलेज कहना ही नहीं चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया (एमसीआई) के मानकों के अनुसार मेडिकल काॅलेज में दी जाने वाली सुविधाओं को पूरा करने में सरकार को 2 से 3 साल का समय लग सकता है। अब जब तक सुभारती मेडिकल काॅलेज को एमसीआई की मान्यता नहीं मिलेगी तब तक कॉलेज को एचएनबी मेडिकल विश्वविद्यालय से संबद्धता नहीं मिलेगी। ऐसे में यहां शिक्षा हासिल कर रहे छात्रों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं।