टिहरी । उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ाने की दिशा में राज्य सरकार के साथ कई अन्य संस्थाएं आगे बढ़कर काम कर रही हैं । इसी क्रम में अब एडवेंचर टूरिज्म का लुफ्त उठाने वालों के लिए टिहरी बांध की विशालकाय झील में पर्यटकों के लिए स्कूबा डाइविंग की नई व्यवस्था की जा रही है । असल में, स्कूबा डाइविंग के तहत पर्यटक झील की गहराइयों में जलीय जीवन के साथ जलमग्न ऐतिहासिक पुरानी टिहरी शहर के अवशेषों को भी देख सकेंगे। रविवार को यहां निजी प्रयासों से स्कूबा डाइविंग का शुभारंभ किया गया। इसके लिए 2 हजार रुपये फीस रखी गई है । हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब टिहरी झील में स्कूबा डाइविंग शुरू हुआ हो, पिछले साल टिहरी झील महोत्सव के दौरान झील में पहली बार स्कूबा डाइविंग का इवेंट किया गया था।
बता दें कि कोटी कॉलोनी में झील किनारे दस लोगों के लिए एक साथ स्कूबा डाइविंग करने के लिए साजो सामान जुटाया गया है। प्रति व्यक्ति दो हजार रूपये खर्च कर पर्यटक यहां स्कूबा डाइविंग का मजा उठा सकते हैं। असल में स्थानीय युवा अरविंद रतूड़ी ने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से स्कूबा डाइविंग की शुरुआत की है। अरविंद रतूड़ी के मुताबिक स्कूबा डाइविंग शुरू होने से यहां पर्यटक झील की गहराइयों में जलीय जीवन के साथ पुरानी टिहरी शहर के अवशेषों को भी देख सकेंगे।
देश के सबसे ऊंचे टिहरी बांध की 42 वर्ग किमी में फैली विशालकाय टिहरी झील पर्यटन विकास की असीम संभावनाओं को संजोए हुए है। लेकिन सरकारी स्तर से पर्यटन विकास के लिए कोई खास प्रयास नहीं हुए हैं। स्थानीय बेरोजगार युवा ही बोटिंग, जेट स्की आदि के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।