नई दिल्ली/ देहरादून । उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार के लिए गले की हड्डी बन चुके राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) के स्थायी परिसर के मुद्दे को सुलझा लिया गया है । केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर के संबंध में सोमवार उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत एवं पौड़ी-गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत के साथ बैठक की। बैठक के बाद निशंक ने स्पष्ट किया कि सुमाड़ी गांव (श्रीनगर, गढ़वाल) में ही राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) स्थापित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 309 एकड़ में से 203 एकड़ को परिसर के निर्माण के लिए उपयुक्त पाया गया। उन्होंने कहा कि चिन्हित स्थान पर स्थाई परिसर का निर्माण किया जाएगा ।
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निशंक ने बताया कि बैठक में सहमति बनी है कि आगामी सत्र श्रीनगर के अस्थाई परिसर में ही प्रारंभ किया जाएगा और एनआईटी जयपुर से बच्चों को लाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि अगले सत्र से प्रवेश की पूरी प्रक्रिया श्रीनगर में होगी ।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने इस बात को दोहराया कि सुमाड़ी, उत्तराखंड में युद्ध स्तर से कार्य करवा कर एनआईटी का स्थायी परिसर बनाया जाएगा । उन्होंने आशा जताई कि उत्तराखंड में एनआईटी का मामला सुलझने से स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी तथा विद्यार्थियों को स्वयं अपने कैंपस में पढ़ने का अवसर मिलेगा।
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मंत्री जी ने बताया कि सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में सुमाड़ी में NIT उत्तराखंड के स्थाई परिसर के शिलान्यास करने का निर्णय लिया गया है ।
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