देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य के कर्ज में डूबे किसानों को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि आय के सीमित संसाधन होने की वजह से किसानों के करोड़ों रुपये के कर्ज को माफ नहीं किया जा सकता है। सरकार की ओर से कहा गया कि किसानों को काॅपरेटिव बैंक की तरफ से मात्र 2 फीसदी ब्याज पर ऋण मुहैया कराया जा रहा है। बता दें कि विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना ने किसानों की ऋणमाफी का मुद्दा उठाया था।
गौरतलब है कि राज्य में बड़ी संख्या में किसानों ने बैंक ऋण के कारण आत्महत्या की है। विपक्षी नेताओं के द्वारा भी कई बार ऋणमाफी का मुद्दा उठाया गया लेकिन सरकार ने मानसून सत्र के दौरान यह स्पष्ट कर दिया है कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्हें काॅपरेटिव बैंक की ओर से मात्र 2 फीसदी ब्याज पर ऋण दिया जा रहा है।
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यहां बता दें कि संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि किसान सरकार का योजना का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पास आय के सीमित संसाधन हैं ऐसे में किसानों के करोड़ों रुपये के कर्ज को माफ नहीं किया जा सकता है। प्रकाश पंत ने कहा कि 30 अगस्त 2018 तक प्रदेश में फसली ऋण किसानों की संख्या 4 लाख 91 हजार 525 तक पहुंच गई है जिन्होंने 6522 करोड़ का ऋण लिया है। मंत्री ने कहा कि किसान राज्य और केंद्र की योजना से भी लाभ उठा रहे हैं। विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना ने यूपी सरकार की तर्ज पर प्रदेश के किसानों की कर्जमाफी की मांग की है।