देहरादून । उत्तराखंड सरकार ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की तर्ज पर राज्य के भ्रष्ट और कामचोर कर्मचारियों को सबक सिखाने का फार्मूला लागू करने का ऐलान किया है । सरकार की ओर से राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश जारी हुए हैं कि उत्तराखंड सरकार भी ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे , जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं या जो काम करने में अक्षम हैं । इतना ही नहीं जिन कर्मचारियों का ट्रैक रिकॉर्ड ठीक है उन कर्मचारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाए । सरकार के आदेश के बाद अब इस फैसले को अमल में लाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसी तर्ज पर मुख्य सचिव की ओर से भी कार्मिक विभाग को विभागवार ऐसे सभी अधिकारी कर्मचारियों को चिह्नित करने को कहा गया है ।
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों कुछ भ्रष्ट आला अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश दे दिए । इसके बाद यूपी की सरकार ने अपने राज्य के भ्रष्ट और कामचोर अफसरों और कर्मचारियों की एक सूची बनाने को कहा । हालांकि पिछले 2 साल के कार्यकाल के दौरान योगी सरकार ऐसे कई कर्मचारियों और अफसरों को बाहर का रास्ता दिखाने के साथ ही कई का प्रमोशन बंद कर चुकी है ।
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इसी क्रम में अब राज्य की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार इस मुद्दे को लेकर सक्रिय हो गई है । लेकिन इस बीच राज्य के कर्मचारी नेता सरकार की इस नीति को लेकर अभी से रणनीति बनाते नजर आ रहे हैं। हालांकि कार्मिक विभाग के लिए खराब ट्रैक रिकॉर्ड और अक्षम कार्मिकों को चुनना भी कोई आसान काम नहीं होगा ।
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इस सब के बावजूद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि निश्चितरूप से ऐसे लोग को चुना जाएगा । सीएम ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर ऐसे लोगों को अनिवार्य रिटायरमेंट दिया जा सकता है ।