नई दिल्ली
भारत सरकार ने मंगलवार की मध्यरात्रि से 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट की कानूनी तौर पर बंद कर दिया। इसका व्यापक असर अब देखने में आ रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से प्राॅपर्टी सस्ती हो जाएगी। यह कैसे होगा ये हम आपको बताते हैं।ऐसे लोग जिन्होंने प्राॅपर्टी में इन्वेस्ट कर रखा है। उनके बुरे दिन शुरू हो गए हैं। लाखों करोड़ों रुपये की प्रोपर्टी की अब कोई वैल्यू नहीं रह गई है। अब वो इसे बेच नहीं पाएंगे। खरीदने वाले भी एकमुश्त पैसा देकर प्राॅपर्टी नहीं खरीद पाएंगे।
जब 500 और 1000 रुपये के नोट चलेंगे ही नहीं तो उन्हें बैंक के जरिए ट्रांजेक्शन करने पडेंगे। और बैंक के जरिए ट्राजेक्शन करने के लिए उन्हें अपनी व्हाइट मनी का इस्तेमाल करना पड़ेगा।
कुछ लोग जहां इसे सरकार का गलत फैसला मान रहे हैं लेकिन ज्यादातर लोग इस फैसले को भविष्य के लिए काफी अच्छा माना है। सरकार ने यह माना कि 500 और 1000 रुपये के नोट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल असामाजिक तत्त्वों के द्वारा देश के माहौल को खराब रखने के लिए किया जा रहा है। ऐसे लोगों पर तो यह फैसला किसी सर्जिकल स्ट्राइक से कम नहीं है।
इस फैसले से थोड़े समय के लिए लोगों को परेशानियां होंगी लेकिन इसके दूरगामी परिणाम होंगे। सबसे बड़ी बात तो यह कि इस सरकारी फैसले से मोटी कमाई वाले लोग टैक्स की चोरी नहीं कर पाएंगे। बड़े नोटों के चलन में आने से देश में पश्चिमी देशों की तरह कैशलेस मनी को बढ़ावा मिलेगा। लोग ज्यादा से ज्यादा आॅनलाइन ट्रांजेक्शन करेंगे। ऐसे में लोग अपने पास दो नंबर के पैसे नहीं रख पाएंगे।