नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिया। सरकार की इस घोषणा के बाद करोड़ों रुपये बैंकों में जमा हुए। एक आम आदमी के मन में ये सवाल उठना लाजमी है कि जब ये नोट चलन में नहीं हैं तो रिजर्व बैंक इतने पुराने नोटों का क्या करेगा। हम आपको बता रहे हैं कि रिजर्व बैंक की केरल शाखा ने इन पुराने नोटों को ठिकाने लगाने का अनोखा तरीका ढूंढ़ निकाला है। अब इससे लकड़ी के हार्डबोर्ड तैयार किया जा रहा है।
रीसाइकिल होगा नोट
रिजर्व बैंक की केरल शाखा इन पुराने नोटों को छोटे-छोटे टुकड़े में बांटने के बाद देश की एकमात्र हार्डबोर्ड निर्माता फैक्ट्री ‘द वेस्टर्न इंडिया प्लाईवुड्स लिमिटेड’ को बेच रही है, ताकि वह इन्हें उत्तरी केरल के कन्नूर जिले में स्थित अपनी फैक्टरी में रीसाइकिल कर सके।
नोटों से तैयार हो रहा हार्डबोर्ड
आपको बता दें कि तिरूवनंतपुरम से करीब साढ़े चार सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह फैक्ट्री इन पुराने नोटों को रीसाइकिल कर लुगदी में तब्दील कर देता है। इसके लिए करीब 95 फीसदी लकड़ी की लुगदी में 5 फीसदी नोटों की लुगदी मिलाकर हार्डबोर्ड तैयार करती है।
आसान नहीं था काम
द वेस्टर्न इंडिया प्लाईवुड्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने बताया कि नोटों को लुगदी में तब्दील करना आसान नहीं था, क्योंकि नोटों के कागज काफी मजबूत थे। ये आसानी से रीसाइकिल नहीं हो पाते थे। हमारे इंजीनियरों ने हार नहीं मानी और इसे रीसाइकिल करने का तरीका निकाल लिया। अब हम न सिर्फ इससे लुगदी बना सकते हैं बल्कि पर्यावरण को होने वाले नुकसान से भी बचा रहे हैं। फैक्ट्री को अब तक सिर्फ तीन सप्ताह में ही करीब 80 टन पुराने नोट मिल चुके हैं। फैक्ट्री के मैनेजर ने बताया कि आरबीआई पहले इन नोटों को सिर्फ जला रही थी। अब हम इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। हमें हार्डबोर्ड की मैटीरियल तैयार करते समय नोटों से बनी लुगदी का पर्सेंटेज का खास ख्याल रखना पड़ता है क्योंकि अगर यह गलत मात्रा में मिल जाता है तो तैयार हार्डबोर्ड के खराब होने की संभावना रहती है।