Friday, April 19, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

आखिर कानपुर के पास ही क्यों हो रहे ट्रेन हादसे, क्या जर्जर बुनियादी सुविधाएं हैं वजह! 

अंग्वाल न्यूज डेस्क
आखिर कानपुर के पास ही क्यों हो रहे ट्रेन हादसे, क्या जर्जर बुनियादी सुविधाएं हैं वजह! 

नई दिल्ली।भारत में इन दिनों रेल हादसों का सिलसिला जारी है। अभी तीन दिनों पहले ही कानपुर के रूरा में सियालदह-अमृतसर एक्सप्रेस के 15 डिब्बे पटरी से उतर गए। इसमें कईयों की मौत हो गई और 100 के करीब यात्री घायल हो गए। इससे कुछ दिनों पहले 20 नवंबर को कानपुर के करीब ही पुखरायां में एक ट्रेन हादसा हुआ था। उसमें भी काफी लोगों की जानें गई थीं। क्या हमने कभी सोचा है कि आखिर ये हादसे कानपुर के आसपास ही क्यों हो रहे हैं? 

बुलेट ट्रेन का सपना

हम सबको पता है कि रेल यातायात का सबसे सुरक्षित, सस्ता और आरामदायक साधन है। देश में इसे और बेहतर बनाने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। यहां तक की हम बुलेट ट्रेन की दिशा में भी काम कर रहे हैं। पर बुलेट ट्रेन शुरू करने के लिए हमारे पास बुनियादी जरूरतें हैं भी? रोज-रोज होते ट्रेन हादसे इस वजह को और भी मजबूत करता है। लगातार हो रहे रेल हादसे और वो भी कानपुर के आसपास ही, इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि ट्रेन को रफ्तार देने के लिए ये बेहद जरूरी है कि इसके लिए बुनियादी जरूरत यानी की पटरी को बेहतर बनाया जाए।


पटरी और पुलों की जर्जर हालत

बार-बार होते हादसों में यह बात उभरकर सामने आई कि कानपुर के आसपास के क्षेत्रों में पटरियों की हालत विशेष खराब है। इस इलाके में बने पुलों में दरारें आ गई हैं जिन्हें मरम्मत की खास दरकार है। ये सारी व्यवस्थाएं अंग्रेजों के जमाने की हैं। भारत में होने वाले रेल हादसों से लोगों का सबसे सुरक्षित आवागमन के साधन से भरोसा उठता जा रहा है। हादसे होने के बाद मंत्रालय की तरफ से हर बार मुआवजे की रकम बढ़ा दी जाती है लेकिन हादसा होने की वजह को दूर करने पर खास ध्यान नहीं दिया जाता है। ऐसे में बुलेट ट्रेन के सपने को हकीकत में तब्दील करने के लिए बुनियादी सुविधा का विकास जरूरी नहीं है क्या!   

Todays Beets: